नई दिल्लीः भारत के डिफेंस सेक्टर के लिए आज 25 सितंबर 2025 का दिन ऐतिहासिक होने वाला है. इंडियन एयरफोर्स (IAF) अभी तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील को फाइनल रूप दे सकती है. इसके तहत वायुसेना को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ओर से 97 तेजस Mark-1A फाइटर जेट मिलेंगे. इससे न केवल एयरफोर्स के स्क्वाड्रन में वृद्धि होगी, बल्कि एक ही साथ कई मोर्चों पर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों से मुकाबला करने की क्षमता भी काफी बढ़ेगी.
दरअसल, 97 तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमानों की खरीद का अब तक का सबसे बड़ा 66,500 करोड़ रुपये का सौदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ गुरुवार को साइन किया जा सकता है. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह सौदा ऐसे समय हो रहा है जब भारतीय वायुसेना अभी तक फरवरी 2021 में हुए 83 तेजस मार्क-1A विमानों (46,898 करोड़ रुपये) के ऑर्डर में से एक भी विमान नहीं पा सकी है. नया कॉन्ट्रैक्ट ऐसे समय पर हो रहा है, जब 36 पुराने मिग-21 विमानों को रिटायर किया जा रहा है.
इनके रिटायर होने के बाद वायुसेना का स्क्वाड्रन लेवल घटकर महज 29 पर आ जाएगा, जो अब तक का सबसे न्यूनतम स्तर होगा. एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान होते हैं. पाकिस्तान के पास वर्तमान में 25 स्क्वाड्रन हैं और निकट भविष्य में उसे चीन से कम से कम 40 J-35A पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट मिलने वाले हैं. वहीं, चीन एयर पावर के मामले में भारत से चार गुना से ज्यादा आगे है.
हाल ही में पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में चीन निर्मित J-10 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था, जिनमें PL-15 मिसाइलें लगी थीं. इनकी मारक क्षमता 200 किलोमीटर से अधिक है. इसके बाद भारतीय वायुसेना के इंटरनल ऑडिट में कहा गया कि भविष्य में पाकिस्तान और चीन की मिली-जुली चुनौती से निपटने के लिए 42.5 अधिकृत स्क्वाड्रनों से कहीं ज्यादा लड़ाकू विमानों की जरूरत होगी.
एयरफोर्स लगातार तेजस के धीमे डेवलपमेंट और सप्लाई को लेकर चिंता जता रही है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में कहा था कि IAF संख्या के मामले में बेहद पीछे है और लड़ाकू क्षमता बनाए रखने के लिए हर साल कम से कम 40 विमान इंडक्शन होने जरूरी हैं. फरवरी 2024 से फरवरी 2028 के बीच पहले 83 तेजस विमानों की डिलीवरी तय थी. अब HAL का दावा है कि अक्टूबर तक पहले दो विमान सौंप दिए जाएंगे. GE से खरीदे गए F-404 इंजन की सप्लाई भी अब स्थिर होती दिख रही है.
नए 97 विमानों के सौदे के लिए HAL को GE से 113 और इंजन खरीदने हैं, जिसकी कीमत करीब 1 अरब डॉलर होगी. हालांकि, वायुसेना साफ कर चुकी है कि पहले दो विमानों को तभी स्वीकार किया जाएगा जब उन पर किए जा रहे मिसाइल और लेजर-गाइडेड बम की टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरे हो जाएंगे. दूसरी तरफ, इस बीच सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल 30 मई 2026 तक बढ़ा दिया है.
वे उस समय 65 वर्ष के हो जाएंगे. गौरतलब है कि CDS के पद पर अधिकतम सेवा आयु 65 वर्ष है, जबकि थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के लिए यह सीमा 62 वर्ष या तीन साल का कार्यकाल है. डिफेंस एक्सपर्ट की मानें तो तेजस सौदा और CDS का कार्यकाल विस्तार, दोनों फैसले भारत की रक्षा तैयारियों और सामरिक संतुलन को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम साबित होंगे.