15 दिन में होंगे 16 श्राद्ध, नौ दिन चलेंगे नवरात्र

हरिद्वार: इसी महीने 10 सितंबर से प्रारंभ होने वाला श्राद्ध पक्ष चलेगा तो सोलह दिन, किंतु पूर्णिमा से अमावस्या तक आने वाले सोलह श्राद्ध, पंद्रह दिनों में संपन्न हो जाएंगे। अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के ज्योतिष प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि इस बार पहला श्राद्ध 10 सितंबर को होगा। इसे पूर्णिमा का श्राद्ध कहा जाएगा।

पूर्णिमा तिथि में मृत्यु को प्राप्त हुए पितर इस दिन अपने-अपने परिवार में अपना हिस्सा लेने आएंगे। इसी दिन प्रतिपदा का भी श्राद्ध होगा। 11 सितंबर को द्वितीया का, 12 को तृतीया का, 13 को चतुर्थी का, 14 को पंचमी का, 15 को छठा, 16 को सप्तमी का, अष्टमी का श्राद्ध 18 सितंबर को होगा।

नवमी का 19 को होगा, दशमी का 20 को, एकादशी का 21 को, संन्यासियों का द्वादशी को 22 को, 23 को त्रयोदशी का व 24 को चतुदर्शी का और विष से मरने वालों को श्राद्ध होगा। 25 को सभी का श्राद्ध किया जा सकता है।

गंगा सभा पंचांग विद्वत परिषद के आचार्य पंडित अमित शास्त्री के अनुसार श्राद्ध पक्ष में सत्रह सितंबर सूर्य संक्रांति के दिन कोई श्राद्ध नहीं है। यही कारण है कि सोलह दिनों के श्राद्ध पंद्रह दिनों में संपन्न हो जाएंगे।

वहीं, इस बार नवरात्र पर्व पूरे नौ दिनों का ही रहेगा। अश्विन शुक्ल पक्ष में नवरात्र 26 सितंबर से चार अक्तूबर तक पूरे नौ दिन चलेंगे। दीपावली का पांच दिनी महापर्व 23 अक्तूबर को धनतेरस से प्रारंभ हो जाएगा। इसी दिन हनुमान जयंती और धनवंतरि जयंती भी पड़ रही हैं।

जबकि नरक चतुर्दशी छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली एक साथ 24 अक्तूबर को पड़ेगी। 25 अक्तूबर को स्नान अमावस्या के दिन सायंकाल 4.26 बजे से 5.34 बजे तक सूर्यग्रहण पड़ रहा है। इस दिन गंगा आदि पवित्र नदियों के तटों पर लाखों श्रद्धालु स्नान करेंगे। 26 अक्तूबर को गोवर्धन पूजा अन्नकूट और भैया दूज एक साथ मनाए जाएंगे।

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