सुरंग में फंसे 172 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला

गांदरबल: गांदरबल के सरबल नीलागर में आए बड़े हिमस्खलन में फंसे 172 मजूदरों को सेना ने रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई। सभी मजदूर जोजिला सुरंग के निर्माण में लगी एक कंपनी में काम कर रहे थे। बर्फबारी के बाद घाटी में चेतावनी के बीच 14 जनवरी को गुरेज और सोनामर्ग में तीन जगह हिमस्खलन हुआ था।

जोजिला दर्रे पर सुरंग का निर्माण कर रही एजेंसी के कार्मिक इसमें फंस गए थे। सूचना के बाद सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया। सेना और पुलिस का एक दल भारी बर्फबारी के बीच उस इलाके में पहुंचा जहां मजदूर फंसे थे।

घंटों के प्रयास के बाद सभी 172 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इससे पहले 12 जनवरी हिमस्खलन की चपेट में आने से तीन मजदूरों की जान चली गई थी। सेना ने अभियान में हिमस्खलन बचाव उपकरण समेत खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया।

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के कालारूस इलाके में भारी बर्फबारी के बीच सेना ने गर्भवती महिला को बचाया। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात करीब 8:30 बजे सेना को सरकुली गांव के सरपंच मरियम बेगम ने एक गर्भवती महिला के तत्काल बचाव और चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का आग्रह किया।

गर्भवती महिला की स्थिति काफी गंभीर थी, लेकिन बर्फबारी के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध था। कम दृश्यता की स्थिति में वाहनों के भी सड़क से फिसलने की संभावना थी, इस वजह से परिवार को मदद नहीं मिल पा रही थी। सैन्य अधिकारियों ने गंभीरता को देखते हुए कालारूस सीओबी से बचाव दल और मेडिकल टीम को तुरंत सरकुली गांव में भेजा।

सड़क पर भारी बर्फ और ओले गिरने के बावजूद बचाव दल ने समय पर पहुंचकर पीड़ित महिला को सुरक्षित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालारूस पहुंचाया। पीएचसी की चिकित्सा टीम ने भी मरीज का तत्काल इलाज शुरू कर दिया और उसकी जान बचाई। परिवार और डॉक्टरों ने सेना की त्वरित कार्रवाई और समय पर सहायता के लिए आभार जताया है।

कुपवाड़ा के तंगधार से गर्भवती को इलाज के लिए श्रीनगर अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया। कुपवाड़ा उपायुक्त को पता चला कि सीमावर्ती इलाके में गर्भवती को इलाज की तुरंत जरूरत है। लेकिन खराब मौसम और आने-जाने के साधन न मिलने के कारण उसे उपचार देना संभव नहीं है।

इसे देखते हुए उपायुक्त ने सेना को इसकी जानकारी देकर मदद करने को कहा। करनाह के तीतवाल ब्लॉक के चित्तरकोट निवासी अली असगर की पत्नी नुसरत बेगम को उपचार के लिए एसडीएच तंगधार में भर्ती कराया गया था। लेकिन उन्हें विशेष उपचार की आवश्यकता थी।

इसकी जानकारी एसडीएम करनाह ने उपायुक्त को दी। उपायुक्त ने सेना से एक हेलिकॉप्टर की मांग की। सेना और जिला प्रशासन के प्रयास के बाद मरीज को एसडीएम करनाह डॉ. गुलजार अहमद, तहसीलदार और एसएचओ की मौजूदगी में श्रीनगर भेजा गया। इलाके के लोगों ने डीसी, सेना समेत अन्य अधिकारियों का आभार जताया है।

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