शहर छोड़कर जा चुके 22 परिवार, पांच और सुरक्षित स्‍थान पर शिफ्ट

जोशीमठ: जोशीमठ में भूधंसाव का दायरा बढ़ने से स्थानीय निवासियों की जान पर बन आई है। हाल यह है कि जेपी कालोनी में घरों में पानी निकलने से सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। जो लोग रह भी रहे हैं, वह हाड़कंपाती इस सर्दी में रतजगा करने को मजबूर हैं।

उधर, जोशीमठ थाने के पास के इलाकों में दरार से खतरे को देखते हुए पांच परिवारों को नगर पालिका गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया है। तहसील प्रशासन की जांच में अभी तक 130 मकान चिह्नित किए हैं, जबकि प्रभावित परिवारों की संख्या 700 से ज्यादा है।

दूसरी ओर, यहां से 22 परिवार सोमवार तक देहरादून और अन्य शहरों में अपने दूसरे मकानों में जा चुके हैं। पिछले डेढ़ साल से जोशीमठ शहर में दरार का दायरा तेजी से बढ़ा है।

जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव के कारण पूरा नगर भयभीत है। मकानों में दरारें चौड़ी होती जा रही हैं, तो जमीन अब फटने लगी है और उससे पानी निकल रहा है। जोशीमठ थाने के पास रह रहे पांच परिवारों को खतरे से बचाने के लिए प्रशासन ने नगर पालिका गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया है।

इनमें मोहन सिंह, रघुनाथ सिंह, दिगंबर सिंह, देवेंद्र सिंह और हेमलता देवी शामिल हैं, जबकि एक परिवार को ब्लाक कार्यालय में भी शिफ्ट किया है। मनोहर बाग में सूरज कपरवाण व मदन कपरवाण की गोशाला क्षतिग्रस्त होने से मवेशियों को अन्य जगह शिफ्ट किया गया।

बताया गया कि रात्रि को मांउट ब्यू होटल के आगे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दरारें बढ़ने के साथ भूमि के अंदर से डरावनी आवाजें भी आई, जिससे भयभीत आसपास के लोग रातभर खुले आसमान के नीचे कड़कड़ाती ठंड में रहने को मजबूर हुए।

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