चीन:चीन के ऑर्कियोलॉजिस्ट ने जमीन के नीचे दब चुके एक ऐसे सुपर हाईवे की खोज की है जिसने मॉर्डन इंजीनियरिंग को भी हैत में डाल दिया है. चीनी आर्कियोलॉजिस्ट ने 2,200 साल पुरानी उस विशाल हाईवे को ढूंढ निकाला है जो कभी चीनी साम्राज्यों को जोड़ता था. इस हाईवे का निर्माण चीन के पहले साम्राज्य के मुख्य हिस्से और सीमांत इलाकों को जोड़ने के लिए बनाया गया था. इस हाईवे को प्राचीन दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक माना जाता है. इसे ‘किन स्ट्रेट रोड’ (Qin Straight Road) के नाम से जाना जाता है. अब इस हाईवे की तुलना आज के आधुनिक हाईवे से की जा रही है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस खोज की घोषणा 9 दिसंबर को की गई थी. यह सर्वे पिछले साल उत्तर-पश्चिमी चीन के शानक्सी प्रांत में यूलिन के कल्चरल हेरिटेज प्रोटेक्शन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने शुरू किया था. इस रिसर्स में मिला किन स्ट्रेट रोड का नया हिस्सा ऐतिहासिक ब्योरों का पुख्ता सबूत देता है, जो कभी उत्तरी चीन में लगभग 900 किलोमीटर तक फैली हुई थी. ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक इस सड़क के निर्माण का आदेश सबसे पहले चीन के पहले सम्राट किन शी हुआंग ने दिया था. यहां सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इतनी अति महत्वपूर्ण और योजना को सिर्फ पांच साल में पूरा कर लिया गया था. इसका मकसद मौजूदा शानक्सी में किन राजवंश की राजधानी शियानयांग से जियुआन तक एक सीधा उत्तर-दक्षिण रास्ता बनाना था.
खुदाई में निकले इस हाईवे की तकनीकि को देखकर आपको उस समय की इंजीनियरिंग का लोहा मानना पड़ेगा क्योंकि तब की तकनीकि भी आज की तकनीकि से कहीं आगे थी. इस हाईवे पर खाई वाले रास्तों पर भी मिट्टी से बनी मज़बूत ढलानें थीं, ठोस सड़क के बेस और ऐसी घाटियां मिलीं हैं जिन्हें रास्ते को समतल बनाए रखने के लिए जानबूझकर भरा गया था. सड़क की औसत चौड़ाई लगभग 40 मीटर (130 फीट) थी, जो आज के चार लेन ट्रैफिक के लिए काफी चौड़ी थी और कुछ जगहों पर यह 60 मीटर तक चौड़ी थी. सड़क और आस-पास के पहाड़ी रास्तों के बीच की दूरी आम तौर पर 50 से 90 मीटर थी, जो इस बात पर ज़ोर देती है कि मुश्किल इलाके से रास्ता कितनी सूज-बूझ के साथ बनाया गया होगा.
आर्कियोलॉजिस्ट्स को हाईवे के पास ही एक ऐसी छोटी सी जगह भी मिली जिसके बारे में माना जाता है कि यह एक रिले स्टेशन के तौर पर काम करती थी. वहां मिले मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े बताते हैं कि यह हाईवे किन राजवंश से लेकर बाद के हान राजवंश (206 ईसा पूर्व—220 ईस्वी) तक उपयोग में रहा. चाइना कल्चरल हेरिटेज न्यूज़ के अनुसार, ‘ग्रेट वॉल के बाद किन स्ट्रेट रोड प्राचीन चीन का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय रक्षा प्रोजेक्ट है.’ इस पब्लिकेशन ने इसे ‘दुनिया के हाईवे का पूर्वज’ बताया है.
इतिहासकार सिमा कियान ने ‘रिकॉर्ड्स ऑफ़ द ग्रैंड हिस्टोरियन’ में इस प्रोजेक्ट का विस्तार से डॉक्यूमेंटेशन किया और खुद इस हाईवे पर यात्रा की. उन्होंने रिकॉर्ड किया कि इस हाईवे का निर्माण 212 ईसा पूर्व में, किन शी हुआंग के शासनकाल के 35वें वर्ष में शुरू हुआ और सम्राट की मृत्यु के बाद भी जारी रहा. ये हाईवे 207 ईसा पूर्व में उनके उत्तराधिकारी किन एर शी के कार्यकाल में पूरा हुआ. ग्रेट वॉल और स्ट्रेट रोड का इस्तेमाल पूरे किन युग में किया गया था. सड़क से सैनिकों और सामान के सप्लाई को तेज़ी से भेजा जा सकता था, जो उत्तरी हमलों के खिलाफ शाही रणनीति का एक मुख्य हिस्सा बन गया था. जबकि चीन की दीवार एक डिफेंसिव वॉल के रूप में काम करती थी.
चीन के लिए इस हाईवे को लेकर सबसे बड़ी विडंबना ये रही कि जब शाही सत्ता कमज़ोर हुई तो यह रास्ता कभी-कभी उन्हीं ताकतों को फायदा पहुंचाता था जिनका विरोध करने के लिए इसे बनाया गया था. सीधा हाईवे खानाबदोश कबीलों को बहुत कम समय में केंद्रीय सत्ता के साथ चीनी इलाके में गहराई से घुसपैठ करने के लिए आसान रास्ता बन गया था. ऐतिहासिक दस्तावेज़ों के मुताबिक, हमलावरों को इस रास्ते का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए हान अधिकारियों ने जानबूझकर इसके कुछ हिस्सों को तीन बार नष्ट कर दिया था.
यह खोज प्राप्त हुए हाईवे में लंबे समय से चले आ रहे अंतर को पाटने में मदद करती है और यूलिन और ओर्डोस के बीच अतिरिक्त हिस्सों का पता लगाने के प्रयासों में मार्गदर्शन कर सकती है. कुल मिलाकर, ये नतीजे पुराने ग्रंथों की पुष्टि करते हैं और साथ ही प्री-इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग पर नई रोशनी डालते हैं. वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि दो हज़ार साल से भी पहले चीन ने दुनिया के सबसे शुरुआती जमीनी ट्रांसपोर्ट नेटवर्क तैयार किया था जो एक समय एक साम्राज्य को एक साथ बनाए रखने में मदद करता था.

