रूस:रूस और यूक्रेन का युद्ध पिछले करीब 4 सालों से चल रहा है. माना जा रहा था कि एक सप्ताह में यूक्रेन रूस के सामने सरेंडर कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि रूस द्वारा यूक्रेन पर ताजा हमलों को देखें तो किसी भी कीमत पर रूस इस साल के अंत यूक्रेन से सरेंडर करवा कर मानेगा. इसकी मुख्य वजह रूस और यूक्रेन का मौसम है. जब भी रूस ने हमला बढ़ाया तो मौसम ने रणनीति पर पानी फेर दिया, लेकिन अब परिस्थितियां रूस के माकूल हैं.
रूस ने अक्टूबर महीने में हवाई हमले का रिकार्ड बना दिया है. इतने हमले अभी तक एक माह में रूस ने कभी नहीं किया था. एएफपी द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमलों का विश्लेषण किया है. एएफपी के मुताबिक, रूस ने रात के समय यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली (पावर ग्रिड) पर कई हमले किए. रूस अपने हर हमले में यूक्रेन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर अटैक कर रहा है.
यूक्रेनियन एयरफोर्स के मुताबिक, रूस की सेना ने अक्टूबर में 270 मिसाइलें दागीं हैं. यह सितंबर की तुलना में 46% ज्यादा हैं. यह संख्या 2023 की शुरुआत से अब तक के किसी भी महीने में सबसे अधिक है. इसके अलावा करीब 5000 ड्रोन हमले किए गए हैं. इन हमलों में कई मिसाइले और ड्रोन को इंटरसेप्ट किया गया, हालांकि एयर डिफेंस की कमी के कारण कई हमले सटीक निशाने पर लगे. जिससे यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है.
रूसी हमलों की वजह से देशभर में बिजली कटौती हुई और लाखों लोग प्रभावित हुए. मॉस्को लगातार चौथे सर्दियों के मौसम में यूक्रेन की बिजली व्यवस्था को निशाना बना रहा है. कीव और उसके सहयोगी देशों का कहना है कि रूस जानबूझकर ऐसा कर रहा है ताकि यूक्रेन के आम लोगों का मनोबल टूट जाए. जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि पुतिन देश में आराजकता फैलाना चाहते हैं, अपने मकसद के लिए वह बिजली के पावर प्लांट और रेल नेटवर्क को निशाना बना रहे है, ताकि यूक्रेनियन पर मानसिक दबाव बनाया जा सके.
मौजूदा समय में यूक्रेन बिजली बचाने में अपनी उर्जा खत्म कर रहा है. सर्दियों बिजली यूक्रेन में सबसे बड़ी जरूरत है. इसलिए दिन और रात कई घंटे बिजली कटौती होती है. ऐसा पूरे यूक्रेन सहित राजधानी कीव में भी हो रहा है.वहीं यूक्रेन रूस पर काउंटर वॉर कर रहा है. इसके लिए यूक्रेन रूस की तेल भंडार और बिजली संयत्र को निशाना बना रहा है. रूस ने महत्वपूर्ण स्थानों पर एयरडिफेंस तैनात कर दिया है. इसके बावजूद भी यूक्रेन इक्का-दुक्का सटीक हमला करने में सफल हो रहा है.
रूस-यूक्रेन के अलावा इस युद्ध में तीसरा पक्ष अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) है, जो पिछले साल रूस की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमले कर नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का “युद्ध अपराध” किया.

