बाढ़ से अब तक 57 की मौत, 518 गांव चपेट में

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है लेकिन दोनों राज्यों के अब भी 518 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। दोनों राज्यों में बाढ़ के चलते अब तक 57 लोगों की जान गई है। हरियाणा में 24 घंटे में 403 नये गांव और पंजाब में 115 गांवों में पानी भर गया है। हरियाणा के 1385 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा में चार दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों को सावधान रहने को कहा है। जलभराव के कारण शनिवार को दोनों राज्यों में आठ और लोगों की मौत हो गई। फिरोजपुर में गांव नौव बहराम शेर सिंह वाला की तरफ सतलुज पर बने पुल के ऊपर से बह रहे पानी में पांव फिसलने से एक युवक नदी में गिर गया। जब वह खुद को बचाने के लिए हाथ-पांव चला रहा था तो बाहर खड़े लोग उसका वीडियो बना रहे थे।

मृतक की पहचान जगदीश सिंह के रूप में हुई है। वहीं, पटियाला की बड़ी नदी के किनारे शौच करने गए 16 साल के किशोर मांगव पैर फिसलने से नदी में जा गिरा और डूबने से उसकी मौत हो गई है। वहीं करनाल के रसूलपुरा कलां गांव में साइकिल पर जा रहे दो किशोर तालाब में गिर पड़े। इसमें 13 साल के सावन की मौत हो गई। कुरुक्षेत्र के गांव गुढ़ा में पशुपालक वीर सिंह की डूबने से मौत हो गई।

तीन अन्य लोगों की भी जान गई है जबकि तीन लोग लापता हैं। सिरसा में पनिहारी, मुसाहिब वाला, व रंगा में चार जगह तटबंध टूटा है, यहां घग्गर का जलस्तर 48 हजार क्यूसेक से अधिक पहुंच गया है। पंजाब में 25 हजार से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाले जा चुके हैं जबकि 3300 अभी भी राहत शिविरों में हैं।

हरियाणा में 43833 प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। जालंधर के 60, संगरूर में 16, फिरोजपुर में 15 और फाजिल्का में 10 गांवों के अलावा अन्य जिलों के 15 गांव बाढ़ के प्रभाव से बाहर नहीं आ पाए हैं। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक बारिश व बाढ़ के कारण 29 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लापता हैं।

पंजाब में अभी तक पटियाला, जालंधर, कपूरथला, पठानकोट, तरनतारन, फिरोजपुर, फतहेगढ़ साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, रूपनगर, मोगा, लुधियाना, मोहाली और संगरूर जिले बाढ़ का सामना कर हैं। ऐसे में सरकार का फोकस अब लोगों और जानवरों की सेहत पर है। पशु पालन विभाग ने पशुओं के टीकाकरण मुहिम तेज की है। वहीं लोगों के लिए लगाए जा रहे मेडिकल कैंपों की संख्या बढ़ा दी है।

विभाग के मुताबिक बाढ़ के कारण बीमार हुए 2862 पशुओं का अब तक इलाज किया गया है, जबकि 11672 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। इस समय 359 रैपिड रिस्पांस टीमें कार्यशील हैं जबकि बाढ़ प्रभावित एरिया में कैंपों की संख्या 263 कर दी गई है।

सूबे में कुल 164 राहत कैंप चल रहे हैं। सबसे अधिक 56 राहत कैंप जालंधर जिले में हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को खाना व अनाज मुहैया करवाया जा रहा है। पटियाला जिले में 52000 और रूपनगर में 20030 पैकेट लोगों को वितरित किए जा चुके हैं।

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