सितारगंज : केन्द्रीय कारागार सितारगंज (Sitarganj Central Jail) के मैदान की खुदाई में 60 मोबाइल फोन, कई चार्जर और बैटरियां बरामद हुई हैं। कारागार अधीक्षक ने मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया है। अब जांच की जाएगी कि जेल में मेाबाइल कैसे पहुंचे, कहां कहां और किससे क्या बातें की गईं हैं।
बताया जाता है कि जेल में मोबाइल फोन के प्रयोग के संदेह पर केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक अनुराग मलिक ने टीम का गठन किया था। टीम ने रात करीब 11 बजे कारागार की सभी बैरेकों की तलाशी ली। साथ ही समीप के ही मैदान की भी खुदाई की गई। खुदाई में गड्ढे में दबाकर रखे गये 60 मोबाइल फोन, कुछ चार्जर व बैटरियां आदि बरामद हुईं।
जेल में कैदियों का मोबाइल फोन इस्तेमाल करना अवैध है, इसलिए इसे काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। कारागार अधीक्षक मलिक ने इस संबंध में कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया है। जिसमें कहा गया है कि मोबाइल फोन से किसी के द्वारा कोई अवैध कार्य तो नहीं किया गया है, इसकी जांच की जाए। पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जेल में तलाशी लेने वाली टीम में बंदी रक्षक अरविंद कुमार, राम सिंह कपकोटी, अनुज कुमार, निखिल पाराशर, प्रकाश कुंवर, सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सूरज गोस्वामी, राम गिरी, प्रवीण बेलवाल, दीपक भट्ट, ललित नेगी, महिपाल कोरंगा, प्रभु सिंह आदि शामिल रहे।
इसी साल अगस्त माह में सेंट्रल जेल सितारगंज में सजा काट रहे उत्तर प्रदेश पीलीभीत जिले के ग्राम शौकतनगर थाना न्यूरिया निवासी सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा ने मोबाइल पर हाइकोर्ट के अधिवक्ता को धमकी दी। शिकायत पर जब अधिकारियों की टीम छापा मारने पहुंची तो कैदियों की बैरक से तीन फोन बरामद हुए थे।
अगस्त में जेल में छापामरी के दौरान चम्मच के बने चाकू, पेनड्राइव कैंची भी बरामद हुए थे। मामले में जेल अधीक्षक अशोक कुमार ने तीनों कैदियों को तन्हाई, दो माह में एक मुलाकात व अर्जित समस्त परिहार समाप्त करने की कार्रवाई की थी।