कानपुर: दिल्ली कार बलास्ट के बाद कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज लगातार चर्चा में है। यहां के फार्माकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष रह चुकी डॉ शाहीन की इस धमाके में और दूसरी आतंकवादी गतिविधियों में भागीदारी सामने आई है। अब इसी कॉलेज के 7 और डॉक्टरों पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगाह है।
डॉ शाहीन दिसंबर 2013 में अपना कार्यभार सौंपकर अवकाश पर गई थी। लेकिन फिर नहीं लौटी। इसके बाद 8 साल बाद 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया। यह जानकारी किसी को न होती अगर दिल्ली बम धमाकों में उसका नाम न आता। लेकिन अब पता चला है कि कानपुर के मेडिकल कॉलेज के सात और डॉक्टर उसी तरह लापता हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, डॉ. शाहीन की तरह ही फिजियोलॉजी, एनॉटमी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग से एक के बाद एक सात डॉक्टर लापता हो गए थे। इनमें सर्जरी विभाग के 3 डॉक्टर हैं। बाद में इन्हें भी बर्खास्त किया गया था। लेकिन शाहीन का मामला सामने आने के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों ने इनकी जांच भी तेज कर दी है।
बताया जा रहा है कि इनमें से कई आसपास के जिलों में काम भी कर रहे हैं। एजेंसियां इनकी वर्तमान लोकेशन से लेकर मेडिकल कॉलेज में इनके बर्ताव, किन लोगों से मेल जोल रखते थे इन सभी बिंदुओं पर पड़ताल कर रही हैं।
शाहीन के टेरर नेटवर्क की परतें खोलने के लिए एजेंसियों कानपुर और आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में हेल्थ कैंप लगाने वाले एनजीओ की पड़ताल कर रही हैं। यह देखा जा रहा है कि इन्हें पैसा कहां से आता था। इतना ही नहीं कश्मीर से आकर गर्म कपड़े और मेवा बेचने वालों का भी सत्यापन किया जा रहा है। इनमें से बहुत से लोग संवेदनशील इलाकों में ही कमरा किराये पर लेकर रहते हैं।
