जोशीमठ: जोशीमठ की जेपी कालोनी में असुरक्षित घोषित किए गए 14 भवनों को हटाने का काम आज भी जारी है। इन भवनों को रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के विज्ञानियों की देखरेख में यांत्रिक तरीके से हटाया जा रहा है। यह कार्य जेपी कंपनी स्वयं अपने इंजीनियरों और श्रमिकों से करा रही है।
जेपी कालोनी जोशीमठ के मारवाड़ी क्षेत्र में स्थित है। सोमवार को शासन ने यहां उन सभी भवनों को हटाने का आदेश दिया था, जिनकी रेट्रोफिटिंग नहीं की जा सकती। इस आदेश पर अमल करते हुए प्रशासन ने यहां ऐसे 14 भवन चिह्नित किए हैं। सभी भवन सिंगल स्टोरी हैं। पहले दिन दो भवनों को हटाना शुरू किया गया। इस काम में 30 सदस्यीय टीम जुटी है।
लोनिवि के डाक बंगले को भी विघटित करने का आदेश दे दिया गया है। यह कार्य बुधवार से शुरू हो सकता है। रविवार को दरारें बढ़ने के कारण इसे असुरक्षित घोषित कर खाली करा दिया गया था।
वैसे तो जोशीमठ में सात हजार से अधिक भवन हैं, मगर नगर पालिका में 4500 भवन पंजीकृत हैं। इनमें से अब तक 849 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं, जिनमें दरारें हैं। इन भवनों में जेपी कालोनी व पीडब्ल्यूडी कालोनी के भवन शामिल नहीं हैं।
दरार वाले भवनों में 167 असुरक्षित हैं। भवनों का सर्वे अभी जारी है। असुरक्षित भवनों की संख्या अभी बढ़ेगी। मंगलवार को 13 और परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया।
जोशीमठ में मारवाड़ी स्थित चुनार गांव पर भी भूधंसाव का संकट मंडरा रहा है। इस खतरे को देखते हुए शासन ने स्थानीय प्रशासन को गांव खाली कराने का आदेश दिया है। विशेषज्ञों ने भूगर्भीय अध्ययन के आधार पर इस गांव में कभी भी भूधंसाव होने की आशंका जताई है।
जिसके बाद गांव को असुरक्षित घोषित कर यहां निवास कर रहे सभी दस परिवारों के भवनों पर लाल निशान लगा दिए हैं। प्रशासन ने इन परिवारों को एक होटल में अस्थायी विस्थापन का प्रस्ताव दिया है, मगर प्रभावित परिवार किराये के भवन में शिफ्ट होने की बात कह रहे हैं।