देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की पहचान धर्म और पर्यटन है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियां भी अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं, लेकिन अब यहां धार्मिक अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। दूसरे राज्य या दूसरे देश के घुसपैठिए यहां ‘कालनेमि’ के रूप में घूम रहे हैं। धर्म या समुदाय कोई भी हो हिंदू अनुयायियों को ठगने और गुमराह करने के लिए ये कालनेमि साधु-संतों का वेश धर अपना जाल फैला रहे हैं।
ऐसे धार्मिक अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए उत्तराखंड में आपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है। जिसके तहत देहरादून पुलिस ने ठोस कार्ययोजना तैयार की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सभी जिलों की पुलिस आपरेशन कालनेमि चला रही है। दून पुलिस ने तो चंद घंटों के भीतर ही बड़ी कार्रवाई कर अभियान का बिगुल फूंक दिया। एक बांग्लादेशी समेत 25 ढाेंगी बाबा पकड़ लिए गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने अनुसार, पूरे जिले आपरेशन कालनेमि को व्यापक स्तर पर चलाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। बताया कि यह ढोंगी साधु-संतों का वेश धारण कर खासकर महिलाओं और युवाओं को घरेलू समस्याओं के समाधान का झांसा देकर धोखाधड़ी की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
देहरादून पुलिस का यह अभियान लगातार जारी रहेगा और देवभूमि में ढोंग व अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।एसएसपी देहरादून ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे फर्जी बाबाओं से सावधान रहें और किसी भी संदेह की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचना दें।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में मठ-मंदिर के आसपास बैठक या घूम रहे साधु वेशधारियों की जांच व पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा कालोनियों में घर-घर जाकर भिक्षा मांग रहे और तंत्र-मंत्र, समाधान का झांसा देने वाले ढोंगी बाबाओं पर भी सीसीटीवी कैमरों और चीता पुलिस की गश्त से निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा मुखबिर तंत्र को भी शहरभर में घूम रहे बाबाओं की सूचना साझा करने को कहा गया है।
एसएसपी के अनुसार, पकड़े गए ढोंगियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वह गले में माला, माथे पर तिलक और भगवा कपड़ा लपेट कर साधु बनने का ढोंग कर रहे हैं।