दमिश्क। सीरिया में द्रूज और बेदोइन समुदायों के बीच भीषण संघर्ष को देखते हुए सरकारी सेना को फिर से स्वेदा प्रांत में भेजा गया है। इस संघर्ष में मरने वालों की संख्या 600 तक पहुंच गई है। इस बार इजरायल की सहमति से सीरियाई सेना वहां पर गई है।बुधवार को राजधानी दमिश्क पर इजरायल के बड़े हमले के बाद अमेरिका के कहने पर सीरियाई सेना स्वेदा से हटी थी। इजरायल की नेतन्याहू सरकार को द्रूज अल्पसंख्यकों का समर्थक माना जाता है।
सीरिया के स्वेदा प्रांत में द्रूज और बेदोइन समुदायों के बीच संघर्ष छिड़ने और उसके बाद सीरियाई सेना के बेदोइन का साथ देने पर सोमवार को इजरायल ने सीरियाई सेना पर हमला किया था। इसके बाद बुधवार को दमिश्क पर हमला किया।गुरुवार को द्रूज और बेदोइन में फिर से लड़ाई छिड़ने के बाद शांति कायम करने के लिए वहां पर सेना की तैनाती की जरूरत महसूस की गई। इसी के बाद इजरायल स्वेदा प्रांत में सीमित संख्या में सैनिकों की तैनाती पर सहमत हुआ।
इजरायली सेना ने दावा किया है कि गाजा में 10 जुलाई को उसके हमले में हमास की जबालिया बटालियन का डिप्टी कमांडर इयाद नेतजर अपने दो वरिष्ठ साथियों के साथ मारा गया।अन्य मृतकों में सेंट्रल जबालिया कंपनी का कमांडर हसन महमूद मुहम्मद मारी और बीत हानून बटालियन का डिप्टी कंपनी कमांडर मुहम्मद जकी शमद हमाद हैं। जबकि शुक्रवार को इजरायली सेना के ताजा हमलों में गाजा में 30 फलस्तीनी मारे गए हैं।
इजरायल में ईरान को मिसाइलों के फुटेज भेजते हुए एक सैनिक गिरफ्तार किया गया है। ये फुटेज ईरान के साथ 12 दिन चले युद्ध के दौरान आकाश में ईरानी मिसाइल नष्ट किए जाने और ईरानी मिसाइल के इजरायल में निशाना बनाने के थे।मिलिट्री कोर्ट में सुनवाई के दौरान सैनिक ने सफाई दी कि भेजी जा रही सूचना असैन्य जानकारी थी लेकिन वह शुल्क लेकर भेजी जा रही थी।