भारत कई वैश्विक संकटों से उबरा

नई दिल्लीः हाल के वर्षों में कई वैश्विक संकटों से सफलतापूर्वक उबर चुका भारत अगले डेढ़ दशक में 7 से 8 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है। डेलॉय की दक्षिण एशिया इकाई के सीईओ रोमल शेट्टी ने कहा, चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। इसका मुख्य कारण सेवाओं में मजबूत प्रदर्शन, बढ़ता बाजार निवेश व कृषि उत्पादकता में सुधार है।

रोमल ने कहा, कोविड महामारी, कई देशों में तनाव और अन्य उथल-पुथल जैसे बड़े झटकों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है और ठोस वृद्धि के लिए तैयार है। भारत की मुख्य रूप से सेवा आधारित अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार चुनौतियों से काफी हद तक अप्रभावित रहती है।

अगले 10-15 वर्षों में यह आसानी से सात-आठ फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, भारत में दुनिया के 50 फीसदी से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हैं, जबकि फॉर्च्यून-2000 कंपनियों में से करीब 67 फीसदी की अभी देश में मौजूदगी नहीं है।

भारत में अभी 1,800 वैश्विक क्षमता केंद्र हैं, जिनकी संख्या सही नीतिगत परिवेश, समर्थन और समन्वित कार्रवाई के साथ अगले कुछ वर्षों में 3,400-5,000 तक बढ़ सकती है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता पर डेलॉय सीईओ ने कहा, दोनों देश अपने-अपने हितों की रक्षा करते हुए बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।

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