दिल्ली: दिल्ली में जलाभिषेक के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। शिवरात्रि के अवसर पर मंदिरों में विशेष सजावट और व्यवस्था की गई है। मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों की झालरों और आकर्षक तोरण द्वारों से सजाया गया है। आज बड़ी संख्या में कांवड़िये और शिवभक्त शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे।
चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर और मादीपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर भीड़ उमड़ रही है। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के सुचारु दर्शन के लिए सेवा समितियों ने लंबी कतारों की बैरिकेडिंग, पेयजल, प्राथमिक उपचार और भंडारे की व्यवस्था की है। आसफ अली रोड स्थित मंदिर श्रीराम हनुमान वाटिका और जयपुर हाईवे पर स्थित रंगपुरी गांव की विशाल शिव मूर्ति पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आने की उम्मद है।
यहां कमेटियों ने विशेष आरती, भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन किया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी मंदिरों में स्वयंसेवकों की टीमें तैनात की गई हैं। ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भी मंदिरों के आसपास यातायात और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
गंगोत्री और हरिद्वार से गंगाजल लेकर निकले कांवड़िये मंगलवार शाम शिविरों में पहुंच गए। सात से पंद्रह दिनों की कठिन तपस्या और लंबी पैदल यात्रा के बाद शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर कांवड़ियों का स्वागत बेहद भव्य तरीके से किया गया। कई जगह श्रद्धालुओं ने कांवड़ियों का एक किलोमीटर पहले से ढोल-बाजे और जयकारों के साथ स्वागत किया।
मंदिरों व शिविरों में पहुंचने पर महिलाओं ने उनके पैर धोए, तिलक लगाकर आरती उतारी और बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद स्वरूप फूलमालाएं पहनाईं। राजधानी में इस बार बड़ी संख्या में झूला कांवड़ के साथ-साथ खड़ी कांवड़ और बैठी कांवड़ लेकर श्रद्धालु पहुंचे हैं।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शाहदरा स्थित दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर शिव कांवड़ सेवा समिति के शिविर में पहुंचकर कांवड़ियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। सचदेवा ने शिविर में की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और सेवा में लगे स्वयंसेवकों से बातचीत करते हुए उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने अपने संसदीय क्षेत्र के विभिन्न कांवड़ शिविरों का दौरा कर शिवभक्तों के दर्शन किए। उन्होंने भजन गाकर शिवभक्तों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया और शिविरों में सेवा दे रहे कार्यकर्ताओं की सराहना की। सांसद ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों का दिल्ली आना भक्ति और ऊर्जा का वातावरण बनाता है।
राजधानी में इस साल कांवड़ यात्रा न केवल भक्ति और तपस्या का प्रतीक बनी है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति का संदेश फैलाने का भी एक अनूठा मंच बन गई है। कांवड़िये सड़कों पर नारे, पोस्टर और जागरूकता अभियानों के माध्यम से समाज को पर्यावरण और नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
यात्रा के दौरान कांवड़िये पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रहे हैं। गंगाजल भरने वाली प्लास्टिक की मटकी की जगह डोलची और जूट के विकल्प का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पहल सिंगल-यूज प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए किया जा रहा है। कई कांवड़ शिविरों में स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, जहां कांवड़िये और स्वयंसेवी संगठन सड़कों, घाटों और जलाशयों की सफाई में जुटे हैं।
कुछ शिविरों में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां शिवभक्तों ने पेड़ लगाकर प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई। कुछ लोकप्रिय स्लोगन नशा नाश की जड़ है, इससे दूर रहो मेरे भाई और नशा अपनाओगे तो खुशियों से दूर हो जाओगे जैसे स्लोगनों को लेकर यात्रा कर रहे हैं।
कांवड़िये राहुल शर्मा ने बताया कि उनकी यात्रा केवल भगवान शिव की भक्ति तक सीमित नहीं है। वह समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि स्वच्छ पर्यावरण और नशा मुक्त जीवन ही सच्ची भक्ति और प्रगति का आधार है। इस पहल ने न केवल कांवड़ियों बल्कि लोगों के बीच भी सकारात्मक प्रभाव डाला है।