नई दिल्ली: करगिल विजय दिवस पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अमर शहीदों को याद किया। आर्मी चीफ ने कहा कि 1999 में भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय में जीत हासिल की। उस समय घुसपैठियों को खदेड़ा था। भारत ने साफ कर दिया था कि दुश्मन के नापाक इरादे को सफलता नहीं मिलेगी।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी उसी तरह आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया, निर्णायक जीत हासिल की। आज हम तोलोलिंग, टाइगर हिल और Point 4875 की ऊंचाइयों के नीचे खड़े हैं, और हम केवल उस युद्ध को नहीं याद कर रहे। हम उस भावना को स्मरण कर रहे हैं जो उन रणबांकुरों ने दिखायी थी। इस मौके पर थल सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे।
आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज द्रास की इस पुण्य रणभूमि पर खड़े होकर, जहां हमारी वीर सेना ने राष्ट्र की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन अमर शहीदों को स्मरण करते हुए और पाकिस्तान के नापाक इरादों पर मिली ऐतिहासिक विजय की 26वीं वर्षगांठ को समर्पित, इस पावन अवसर पर सम्मिलित होकर मैं स्वयं को अत्यंत गर्वित और भावुक महसूस कर रहा हूं। यह लगातार चौथी बार है जब मैं कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल विजय दिवस के इस पावन आयोजन में सम्मिलित हो रहा हूं। दो बार Northern Army Commander के तौर पर और अब थलसेनाध्यक्ष के रूप में ।
सेना प्रमुख ने कहा कि आज इस पावन अवसर पर करगिल युद्ध के वीरों के माता-पिता, वीर नारियों और सभी परिवारजनों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। आपने राष्ट्र को अपने वीर दिए, आपका हौसला, धैर्य और त्याग हम सबके लिए प्रेरणा है। आज पूरा देश आपके अद्वितीय योगदान और अटूट राष्ट्रभक्ति को श्रद्धापूर्वक नमन करता है। पिछले वर्ष 2024 में हमने रजत जयंती के रूप में इस विजय गाथा का स्मरण किया।
आर्मी चीफ ने कहा कि वह एक ऐतिहासिक अवसर था, जिसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने और भी प्रेरणादायक बना दिया। उसी दिन शिंकुन ला टनल के निर्माण कार्य का शुभारंभ हुआ। इस वर्ष भी, चार माननीय केंद्रीय मंत्री यहां उपस्थित होकर हमारे शहीदों को नमन करने आए। यह दर्शाता है कि कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य आयोजन नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का उत्सव है।
सेना प्रमुख ने कहा कि आज हम तोलोलिंग, टाइगर हिल और Point 4875 की ऊंचाइयों के नीचे खड़े हैं, और हम केवल उस युद्ध को नहीं याद कर रहे । हम उस भावना को स्मरण कर रहे हैं जो उन रणबांकुरों ने दिखायी थी। हमें याद है वह दृढ़ संकल्प जो उनकी आंखों में था, वह अदम्य साहस जिससे उन्होंने हर कठिनाई को मात दी। हमें स्मरण है वह नारा, वह चेतावनी, वह प्रण जो हर योद्धा के मुख से निकला । हम श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं उन बहादुर नायकों को, जिन्होंने मृत्यु को गले लगाया ताकि हम गरिमा के साथ चैन की जिंदगी जी सकें।
आर्मी चीफ ने कहा कि साल 1999 में, भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के अंतर्गत कारगिल की ऊंचाइयों पर एक अद्वितीय विजय प्राप्त की थी। उस युद्ध में, भारतीय सेना ने इन ऊंची पहाड़ियों पर बैठे पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़कर हमारी सीमा से बाहर कर दिया था और तिरंगे को इन बर्फीली चोटियों पर फहराया था। यह वह क्षण था जब भारत ने स्पष्ट कर दिया कि उसकी सीमाओं के भीतर किसी भी नापाक इरादे को सफलता नहीं मिलेगी, भारत की एकता और अखंडता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।
आर्मी चीफ ने कहा कि इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारतीय सेना ने उसी अदम्य साहस, और दृढ़ संकल्प के साथ पाकिस्तान समर्थित आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया और पाकिस्तान की अन्य आक्रामक कार्रवाइयों को प्रभावशाली ढंग से विफल करते हुए एक निर्णायक जीत हासिल की। हमने शांति को अवसर दिया, पर कायरता का उत्तर केवल पराक्रम से दिया । Operation Sindoor हमारा संकल्प है, संदेश भी और उत्तर भी।
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पहलगाम में हुआ कायरतापूर्ण आतंकी हमला पूरे देश के लिए एक गहरी चोट था। लेकिन इस बार भारत ने सिर्फ शोक नहीं जताया, बल्कि ठान लिया कि अब जवाब निर्णायक होगा। देशवासियों का अटूट विश्वास और सरकार द्वारा दी गई रणनीतिक स्वतंत्रता से भारतीय सेना ने एक सुनियोजित, सटीक और निर्णायक जवाब दिया।
भारतीय सेना ने 06/07 मई की रात को पाकिस्तान और POJK में 9 हाई वैल्यू आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, बिना किसी मासूम नागरिक को हानि पहुंचाए। यह केवल जवाब नहीं था, यह स्पष्ट संदेश था कि ‘आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे।’
आर्मी चीफ ने कहा कि 7 से 9 मई को पाकिस्तान की ओर से की गई सैन्य कार्रवाइयों का, भारतीय सेना ने नपा-तुला और सटीक जवाब दिया। हमारी Army Air Defence एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी रही। जिसे कोई ड्रोन या मिसाइल भेद नहीं सका।
यह सब Whole-of-Nation Approach के अंतर्गत हुआ, जहां सेना, वायुसेना, नौसेना और अन्य सरकारी विभाग मिलकर एक साथ खड़े रहे। जो भी शक्तियां भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को क्षति पहुंचाने की योजना बना रही हैं। उन्हें करारा जवाब दिया गया है, और आगे भी दिया जाएगा।
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि आज की भारतीय सेना न केवल वर्तमान चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर रही है, बल्कि हम नित्य-प्रतिदिन एक परिवर्तनशील, आधुनिक और भविष्य-उन्मुख शक्ति के रूप में तेज़ी से अग्रसर हो रहे है।
सूत्रों के मुताबिक आर्मी की दो इंफ्रेंट्री ब्रिगेड को ‘रूद्र’ ब्रिगेड में कंवर्ट किया जा चुका है, इनका वेलिडेशन चल रहा है और दोनों बॉर्डर पर तैनात हैं। इसके अंतर्गत ‘रुद्र’ के रूप में नई all arms brigades का गठन किया जा रहा है, जिनमें infantry, mechanised infantry, armoured units, artillery, special forces और Unmanned aerial systems जैसे fighting components को integrate किया गया है, जिन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए logistics support और combat support प्राप्त होगा।
आर्मी चीफ ने बताया कि इसी क्रम में, ‘भैरव’ Light Commando Battalions के रूप में agile और घातक, special forces units का गठन किया गया है। जो सीमाओं पर शत्रु को चौंकाने के लिए तैयार हैं। हर Infantry बटालियन में Drone Platoons, वहीं, artillery में ‘दिव्यास्त्र batteries’ के माध्यम से और Loiter Munition Batteries से मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया हैं। Army Air Defence को स्वदेशी मिसाइल systems से equip किया जा रहा है।
हम पूरी तरह से तैयार हैं कि भारत की 100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ तक ‘Viksit Bharat’ का सपना साकार करें। और इस राष्ट्र निर्माण में हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं, हमारा विशाल सेना परिवार, जो लगभग 1.3 करोड़ लोगों का समुदाय है। जिसमें सेवारत सैनिक, उनके परिवार,वेटरन्स,और वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजन शामिल हैं। Ladakh इसका उदाहरण है । जहां हजारों सैनिक तैनात हैं, अनेक वेटरन्स यहां रहते हैं। सेना केवल रक्षा नहीं कर रही, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।
लद्दाख में ही कई Dual-Use Infrastructure के तहत सड़कें, पुल और नेटवर्क तैयार किए जा रहे हैं जो सेना और स्थानीय नागरिक दोनों के लिए बेसिक सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं। Vibrant Village Programme के अंतर्गत चयनित किए गए गांवों में भारतीय सेना द्वारा प्राथमिकता से विकास कार्य चल रहे हैं। बॉर्डर टेररिज्म को बढ़ावा देने के लिए battlefield, spiritual, ecological, heritage और adventure tourism जैसे क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
हमारे वेटरन्स, आपका योगदान हमारी नींव है। भले ही आज आपने वर्दी न पहनी हो, लेकिन आपका जज्बा और राष्ट्र के प्रति समर्पण आज भी उतना ही अमूल्य है। आप न केवल हमारी सेना की गौरवशाली विरासत के वाहक हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं।
मैं युवा कैडेट्स और छात्रों को यह बताना चाहूंगा कि आज का दिन केवल एक ऐतिहासिक यादगार नहीं, यह राष्ट्र-निर्माण का आह्वान है। अपने देश की सेवा – ईमानदारी, शुद्धता और राष्ट्रभक्ति के साथ करें, चाहे वह सेना, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा या उद्यमिता कोई भी रूप हो।