उदय दिनमान डेस्कः भारत के हाथ लगा ये खजाना भारत को न सिर्फ वैश्विक टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक शक्ति भी देगा. इस खजाने से चीन की दादागिरी खत्म हो जाएगी.
7 मिलियन टन से ज्यादा का दुर्लभ खनिज (rare earth elements) मिला है, जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, बैटरियों और रक्षा तकनीकों में बेहद जरूरी होता है.अब तक चीन दुनिया में rare earth supply का सबसे बड़ा खिलाड़ी था, लेकिन भारत की इस खोज से उसका वर्चस्व टूट सकता है.
ये खनिज जम्मू-कश्मीर या छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्रों में खोजे गए हैं (सरकारी रिपोर्ट अनुसार), जहां पहले से ही खनिज समृद्धि मौजूद थी.डिफेंस, स्पेस, और एनर्जी सेक्टर में इन खनिजों की भारी जरूरत होती है. भारत अब आत्मनिर्भर होकर इन तकनीकों में और मजबूत होगा.EV बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले लिथियम और अन्य खनिज अब देश में ही मिल सकेंगे, जिससे भारत के EV मिशन को रफ्तार मिलेगी.
भारत की इस खोज से चीन की सप्लाई चेन पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि अब दूसरे देश भी भारत से इन खनिजों की खरीद में रुचि लेंगेखनिज निर्यात और घरेलू उपयोग दोनों से भारत की GDP में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा.ये खजाना ‘मेक इन इंडिया’ को नई ऊंचाई देगा, क्योंकि अब देश में हाई-टेक प्रोडक्ट्स के लिए जरूरी कच्चा माल उपलब्ध होगा.