दुनिया के इन देशों में आ सकती है महा-सुनामी!

उदय दिनमान डेस्कः दुनियाभर में जिस तरह इंसानों द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है, उससे सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि आने वाले भविष्य को लेकर हमें भी चिंता करने की जरूरत है. पृथ्वी पर फैलते प्रदूषण से वातावरण में भंयकर बदलाव देखने को मिल रहा है, जिससे आने वाले समय में इंसानों के अस्तित्व को खतरा हो सकता है.

हाल ही में वैज्ञानिकों ने भविष्य में आ सकने वाली एक भयानक तबाही को लेकर दुनिया को चेतावनी दी. साइंटिस्ट का मानना है कि आने वाले कुछ वर्षों में धरती पर भयंकर भूकंप आ सकता है, जिससे कई देशों में महा-सुनामी का हमला हो सकता है. समुद्र का सारा पानी कई देशों को अपने आगोश में ले सकता है.अमेरिका का पश्चिमी प्रशांत तट उत्तरी कैलिफोर्निया से वैंकूवर द्वीप तक लगभग 600 मील फैली फॉल्ट लाइन पर महाबलूकंप का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिक मानते हैं कि यहां अगले 50 साल में सबसे बड़ी सुनामी आ सकती है.

रिसर्च के अनुसार, अगले 50 वर्षों में यहां 8 रिएक्टर स्केल से ऊपर का भूकंप आने की संभावना 15% है. वहीं, 2100 तक यह संभावना बढ़कर 29% तक पहुंच सकती है.एक भीषण महा-सुनामी से 30,000 से ज्यादा मौतें हो सकती हैं, 1,70,000 से अधिक इमारतें तबाह हो सकती हैं और करीब 81 अरब डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है.

साल 1700 में इसी क्षेत्र में 8.7-9.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे जापान तक सुनामी के विशाल लहर पहुंची थी. समुद्री तलछट और इतिहास से आज की चेतावनी और मजबूत मिलती है.वैज्ञानिकों ने हवाई द्वीप लानाई में 1,312 फुट ऊंची सुनामी के निशान पाए, जो 1,05,000 साल पहले आई थी. इससे टेक्टोनिक घटनाओं के विघटन की गंभीरता का अंदाजा लगता है.

ऐसे सबडक्शन जोन दुनियाभर में हैं, जिनमें जापान, इंडोनेशिया, चिली और अलास्का भी शामिल हैं. ये इलाकें भी बड़े भूकंप और सुनामी के लिहाज से संवेदनशील हैं.आपदा योजना, प्रभावी निकासी प्रोटोकॉल और मजबूत निर्माण तकनीक इन जगहों पर सबसे जरूरी हो गई है, ताकि जानमाल का नुकसान कम किया जा सके. टीना ड्यूरा और उनकी टीम लगातार प्रभाव, आंकड़े और संभावित हल ढूंढ़ रही है.

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