‘क्रॉस वोटिंग’ पर बढ़ी सियासी रार

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ के आरोपों पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए नतीजों को आगामी विधानसभा चुनाव से आंतरिक कलह का संकेत बताया, वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने ने कहा कि इस तरह की क्रॉस वोटिंग विश्वास का गंभीर उल्लंघन है और आंतरिक एकता पर सवाल उठाती है।

मनीष तिवारी ने कहा, “अगर क्रॉस वोटिंग हुई है, तो इंडी गठबंधन के सभी घटक दल द्वारा इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। क्रॉस वोटिंग एक बेहद गंभीर मामला है। अगर जो कहा या अनुमान लगाया जा रहा है, उसमें जरा भी सच्चाई है, तो इसकी गहन जांच होनी चाहिए।”उपराष्ट्रपति चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ के मामले ने तूल तब पकड़ा जब संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा, “इंडी गठबंधन के कुछ सांसदों का विशेष धन्यवाद जिन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में ‘अंतरात्मा की आवाज’ पर मतदान किया।

एनडीए और हमारे सभी मित्र सांसद एकजुट हैं। एक विनम्र, कुशल व्यक्ति और एक सच्चे देशभक्त को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुनने पर सभी को बधाई।उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है, इनमें पार्टी व्हिप लागू नहीं होता और सांसदों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करें। लेकिन व्यवहार में, अधिकांश सांसद पार्टी लाइन का पालन करते हैं, यही कारण है कि बिहार और तमिलनाडु में चुनावों से पहले क्रॉस-वोटिंग की संभावना इंडी गठबंधन के लिए गहरी चिंता का विषय है।

हालांकि अभी तक ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने अपनी पार्टियों के सांसदों द्वारा किसी भी कॉस वोटिंग से इनकार किया है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सुप्रिया सुले ने कहा, “अगर मतदान गुप्त था, तो आपको कैसे पता चला? मुझे नहीं पता कि किसके वोट बंटे? अगर 14 बंटे, तो महाराष्ट्र ने क्या किया? राज्य को बदनाम किया जा रहा है।”राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजस्वी यादव ने कहा, “हमारी तरफ से कोई क्रॉस वोटिंग नहीं हुई। राजद के 9 सांसदों ने इंडिया अलायंस को वोट दिया। अब वहां कुछ हुआ हो या नहीं, नेता संसद में देखेंगे।”

वहीं शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा, “क्या जिन सांसदों ने वोटों को अमान्य किया वे पढ़े-लिखे और मूर्ख हैं? क्या उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट दिया था या उनके वोट खरीदे गए थे?”उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने जरूर गलत वोट दिया होगा, इसलिए वोट अमान्य हो गया। भाजपा ने विश्वासघात के बीज बोए हैं। सभी एजेंसियां भी भाजपा की गुलाम हैं। उन्होंने जरूर इन एजेंसियों के बल पर ब्लैकमेल किया होगा।”

उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का ऐलान हो गया है। NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं। सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले। वहीं इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी (B. Sudarshan Reddy) को 300 वोट मिले। इस बड़ी जीत के साथ सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति बनेंगे।9 सितंबर को संपन्न हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 767 सांसदों ने वोट डाला। इन 767 वोटों में से 15 वोट रद हो गए।

राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि NDA उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले।

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