पीएम मोदी के संबोधन को लेकर मीडिया में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. कल से देश में जीएसटी की नई दरें लागू होने वाली हैं और अमेरिकी टैरिफ व H1B वीजा विवाद भी गहराया हुआ है. तीन दिन पहले ही राहुल गांधी ने ‘वोटी चोरी’ के मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नया आरोप लगाते हुए जेन-जी को संविधान बचाने के लिए आगे आने के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था. बीजेपी ने इसे राहुल गांधी का उकसावे वाला बयान बताया था. मीडिया में भी राहुल गांधी का यह पोस्ट काफी चर्चा में रहा. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पीएम मोदी रविवार 5 बजे देश के नाम अपने संबोधन में किन-किन मुद्दों को छूएंगे?
36 दिनों के भीतर दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन होने वाला है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब देश में कल से यानी सोमवार से जीएसटी की नई दरें लागू होने वाली हैं और अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा भी गरमाया हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा वाला दांव भी एक कारण हो सकता है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी अपनी बात में राहुल गांधी के उस बयान का जिक्र करेंगे, जिसमें उन्होंने ‘जेन-जी’ को ‘संविधान बचाने’ के लिए आगे आने को कहा था?
पीएम मोदी का यह संबोधन इसलिए भी खास है क्योंकि यह राहुल गांधी के उस बयान के ठीक तीन दिन बाद हो रहा है, जिसमें उन्होंने ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाया था और कहा था कि अभी तो सिर्फ ‘हाइड्रोजन बम’ तैयार हो रहा है. बीजेपी ने इस बयान को युवाओं को उकसाने वाला बताया था. ऐसे में, सबकी नजरें पीएम मोदी के संबोधन पर टिकी हैं कि वह किन-किन मुद्दों को छूते हैं.
विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी का यह संबोधन सिर्फ एक मुद्दे तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह एक बहुआयामी संबोधन होगा.सबसे पहले, पीएम मोदी जीएसटी की नई दरों को लेकर बात कर सकते हैं. वे बताएंगे कि ये दरें कैसे व्यापार और आम जनता के लिए फायदेमंद होंगी. यह एक सकारात्मक और आर्थिक एजेंडा होगा, जिससे जनता के बीच सरकार की छवि मजबूत होगी.पीएम मोदी अमेरिकी टैरिफ पर भी अपनी बात रख सकते हैं. वे भारत के स्टैंड को दुनिया के सामने रखेंगे और बताएंगे कि कैसे भारत इन चुनौतियों का सामना कर रहा है. यह एक कूटनीतिक और राष्ट्रवाद से भरा संदेश होगा.
पीएम मोदी राहुल गांधी के ‘जेन-जी’ वाले बयान पर पलटवार कर सकते हैं. वे इस मुद्दे को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कह सकते हैं कि कुछ लोग देश की संवैधानिक संस्थाओं पर ही सवाल उठा रहे हैं. वे राहुल गांधी के बयान को युवाओं को गुमराह करने की कोशिश के रूप में पेश कर सकते हैं. राहुल गांधी के वोट चोरी वाले मुद्दे को भी पीएम मोदी जवाब दे सकते हैं. 15 अगस्त को भी पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन दिया था. अब 21 सितंबर यानी 36वें दिन फिर से पीएम मोदी का संबोधन होने वाला है.
कुलमिलाकर, पीएम मोदी का संबोधन सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि एक सियासी रणनीति का हिस्सा है. बिहार चुनाव के ठीक पहले पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन के कई मायने हैं. पीएम मोदी अपनी बात में यह कह सकते हैं कि देश की संस्थाओं पर हमला करना लोकतंत्र पर हमला है, और यह कोई भी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. पीएम मोदी राहुल गांधी के ‘जेन-जी’ के दांव पर खुद भी युवाओं से सीधा संवाद स्थापित करने की कोशिश करेंगे.
वे युवाओं को बताएंगे कि सरकार उनके भविष्य के लिए क्या-क्या कर रही है. पीएम मोदी का आज का संबोधन ‘एक तीर से कई निशाने’ साधने वाला हो सकता है. वह आर्थिक और विदेश नीति के मुद्दों पर बात करते हुए राहुल गांधी के आरोपों का सीधा जवाब देंगे.