अमेरिका:भारत में बुलडोजर एक्शन आम है. अब अमेरिका में भी बुलडोजर एक्शन दिख रहा है. जी हां, वाइट हाउस पर डोनाल्ड ट्रंप ने बुलडोजर चलवा दिया है. वाइट हाउस के अंदर लगातार बुलडोजर गरज रहे हैं. वाइट हाउस की दीवारें और खिड़कियां लगातार ध्वस्त हो रही हैं. अब सबके मन में सवाल होगा कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप वाइट हाउस पर बुलडोजर क्यों चलवा रहे हैं? दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वाइट हाउस को और भव्य बनाने के प्लान पर काम कर रहे हैं.
जी हां, 20 अक्टूबर 2025 को वाइट हाउस के ईस्ट विंग के हिस्से पर बुलडोजर और क्रेन चला दिए गए. ये सब इसलिए हो रहा है ताकि अमेरिका में दुनिया का सबसे शानदार बॉलरूम बनाया जा सके.राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 200 मिलियन डॉलर यानी 20 करोड़ डॉलर की लागत से 90,000 वर्ग फुट का एक शानदार और बड़ा बॉलरूम बना रहे हैं. यह काफी भव्य होगा.
इसके लिए ही वाइट हाउस के पूर्वी विंग को बुलडोजर से ध्वस्त करने का काम सोमवार को शुरू हो गया. बॉलरूम बनाने के लिए ही वाइट हाउस में बुलडोजर गरज रहे हैं. सीएनएन ने पूर्वी विंग के कुछ हिस्सों को बुलडोजर से तोड़ते हुए देखा. सीएनएन की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप का 15 साल पुराना सपना अब हकीकत बन रहा है.
दरअसल, बॉलरूम का सपना राष्ट्रपति डोनाल्ड ने 15 साल पहले देखा था. इसके तहत ट्रंप वाइट हाउस परिसर में एक ऐसे कार्यक्रम स्थल का निर्माण करना चाहते थे, जो इमारत की मनोरंजन क्षमता का विस्तार करता हो. बॉलरूम एक तरह से एक ऐसा आयोजन स्थल होगा, जहां एक साथ सैकड़ों लोग किसी समारोह, मीटिंग या अन्य बड़े कार्यक्रमों के लिए एक छत के नीचे बैठ सकेंगे. माना जा रहा है कि अब इसमें ही अमेरिकी राष्ट्रपति अपने मेहमानों को दावत देंगे या कोई बड़ी मीटिंग करेंगे.
बॉलरूम एक तरह से एक बड़ा सा लग्जरी हॉल होगा. इसका निर्माण खासतौर पर इसलिए किया जा रहा है ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति का कोई आयोजन इस बड़े हॉल में हो सके. दरअसल, ट्रंप ने बार-बार कहा है कि वाइट हाउस में मेहमानों के लिए जगह की कमी है. नया बॉलरूम 90,000 वर्ग फुट का होगा, जो मौजूदा ईस्ट रूम से तीन गुना बड़ा होगा. इसमें 650 लोग आसानी से बैठ सकेंगे.
डिजाइन देखने लायक होगा. इसमें सोने के झूमर, गिल्डेड कॉलम, चेकर्ड मार्बल फ्लोर और बड़ी-बड़ी खिड़कियां होंगी. ये सब ट्रंप के प्राइवेट क्लब्स जैसा लगेगा. बॉलरूम दक्षिणी मैदान की तरफ खुलेगा और व्हाइट हाउस की पुरानी नेोक्लासिकल स्टाइल को बरकरार रखेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में घोषणा की थी कि ये नया हिस्सा पुरानी बिल्डिंग को छुएगा भी नहीं. इसलिए अब ईस्ट विंग के छत, एंट्रीवे और खिड़कियां तोड़ दी गई हैं. कंक्रीट के टुकड़े और मलबा इधर-उधर बिखरा पड़ा है. अमेरिकी झंडे लगी मशीनें काम कर रही हैं. ये ईस्ट विंग 1902 में बना था और 1942 में आखिरी बार बदला गया था.
अनुमान है कि इसे बनाने में 200 से 250 मिलियन डॉलर खर्च होगा. दावा है कि यह पैसा ट्रंप और उनके निजी डोनर्स दे रहे हैं. इसके लिए कोई सरकारी फंडिंग नहीं है. ट्रंप और उनके लोग इसे आधुनीकरण का हिस्सा बता रहे हैं.