रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के कपाट भैया दूज पर कल सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद होंगे. इससे पहले भगवान शिव की समाधि पूजा की जाएगी. बीकेटीसी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सुबह समाधि पूजा के बाद विधि-विधान से कपाट बंद कर डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी.
मान्यता के अनुसार मध्य रात्रि से सुबह 4 बजे तक आम भक्त दर्शन करेंगे. इसके बाद पुनः 5 बजे से 6 बजे तक भगवान की समाधि पूजा की जाएगी. जिसमें बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को भस्म, अनाज, फल, फूल, रुद्राक्ष, सफेद कपड़ा आदि से ढक दिया जाएगा. ठीक 6 बजे गर्भ गृह का द्वार बंद किया जाएगा. सुबह साढ़े 8 बजे परम्परानुसार पूर्वी द्वार (मुख्य द्वार) बंद कर दिया जाएगा. भगवान शिव की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी. इस वर्ष रिकार्ड यात्री केदारनाथ आए हैं. अभी तक 17,45, 065 श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं.
बाबा केदार की चल विग्रह डोली 23 अक्तूबर को केदारनाथ से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी. 24 अक्टूबर को दूसरे पड़ाव गुप्तकाशी पहुंचेगी. 25 अक्तूबर को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी. शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही भगवान केदारनाथ की छह महीने तक पूजा अर्चना की जाएगी. श्रद्धालु शीतकालीन यात्रा में यहां पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं.