नई दिल्लीः आज छठ पूजा का सबसे अहम दिन है, जब व्रती शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. यह अर्घ्य सूर्यदेव के प्रति आभार और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक माना जाता है. देशभर के घाटों पर शाम को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी और महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में व्रत रखकर पूजा करेंगी.
धार्मिक ग्रंथों एवं पंचांग के अनुसार, “डूबते सूर्य” को अर्घ्य अर्पित करने का शुभ मुहूर्त आज शाम 5:10 से 5:58 बजे तक रहेगा. श्रद्धा और भक्ति से भरे इस पर्व में सूर्य, जल और प्रकृति के प्रति गहरी आस्था झलकती है.
पूजा-विधान
आज तीसरे दिन, संध्या अरघ्य में व्रती नदी-घाटों पर जमा होकर अस्ताचल सूर्य को जल, फल, सिंघाड़ा आदि अर्पित करते हैं. स्वाद-सम्मान और श्रृद्धा पूर्ण वातावरण में गीत-भजन गाए जाते हैं.
अर्घ्य देते समय निम्न मंत्रों का पाठ शुभ माना गया हैः “नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे”
यह पर्व हमारे जीवन में सूर्य, जल और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है. व्रती निर्जला उपवास कर, पूर्ण निष्ठा से पवित्र जल में खड़े होकर गुरु-परिवार-सामूहिक रूप से पूजा करते हैं. नदी-घाटों पर साफ-सफाई एवं व्यवस्थित व्यवस्था व्यवस्था का विशेष ध्यान दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित व सहज अनुभव हो. आप यदि आज घाट जा रहे हैं तो ये बातें ध्यान रखें:
समय से पहले घाट पर पहुँचें ताकि अर्घ्य-समय से छूट न जाए.
पवित्रता का ध्यान रखें (सफाई, अशुद्ध सामग्री से दूर).
जल में खड़े होने के दौरान सावधानी बरतें—यह शाम के समय हो रहा है.
मोबाइल-फ्लैशलाइट आदि साथ रखें, विशेषकर अगर आसपास का इलाका अँधेरा हो जाए.
यह उत्सव केवल पूजा-व्रत का नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि एवं प्रकृति-साक्षात्कार का भी अवसर है. डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हुए हम जीवन-शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं.

