सूडान:सूडान के अल फशीर शहर में आरएसएफ के कुछ लड़ाकों ने करीब दो सौ लोगों को घेर लिया। वह उन्हें एक तालाब के पास ले गए और गोली मार दी। हमले के चश्मदीद गवाह अलखैर इस्माइल ने कहा कि हमलावरों ने नस्लीय गाली देते हुए सभी लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस्माइल ने कहा कि हमलावरों में से एक लड़ाके ने उसे पहचान लिया था। इसलिए उसे जाने दिया और अपने साथियों से कहा कि इसे मत मारो।
इस्माइल ने बताया कि वह शहर में मौजूद अपने रिश्तेदारों के लिए खाना लेकर जा रहा था। उसके साथ कई अन्य लोग भी थे। वह सभी निहत्थे थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने चश्मदीदों के हवाले से लिखा कि RSF के लड़ाकों ने अल-फशीर से भागते लोगों को पास के गांवों में रोका। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं को अलग किया। फिर उन्होंने गोलीबारी की आवाजें सुनी।
मनावधिकार कार्यकर्ताओं और विश्लेषकों ने इस बात की आशंका पहले ही जाहिर कर दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) अल-फशीर पर कब्जा कर लेता है, तो जाति के आधार पर बदले की हत्याएं हो सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना को एक युद्ध अपराध माना है।
RSF ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। RSF की तरफ से कहा गया कि मीडिया ये सब बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है और सेना अपनी हार छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि RSF लीडरशिप ने किसी भी उल्लंघन की जांच का आदेश दिया है। कमांडर ने दावा किया कि कुछ सैनिक और लड़ाके नागरिक बनकर बचने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए ले जाया गया। ऐसी कोई हत्या नहीं हुई जैसा दावा किया जा रहा है।
सूडान गृहयुद्ध (2023 से अब तक जारी है। खार्तूम में दो शक्तिशाली सैन्य गुटों, सूडानी सशस्त्र बल (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा है। दरअसल, SAF के नेता जनरल अब्देल फताह अल-बुरहान और RSF के कमांडर मोहम्मद हमदान दगालो (हेमेदती) 2021 तख्तापलट के बाद साझेदार थे, लेकिन नागरिक शासन बहाली पर विवाद भड़क गया।

