गुजरात:देश के दुश्मन आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की फिराक में हैं. हर पल और हर घड़ी साजिशें रची जा रही हैं. गुजरात के आतंक विरोधी दस्ते (Gujarat ATS) ने ऐसी ही एक बड़ी साजिश को बेनाकब किया है. आतंकी हमले की साजिश रच रहे ISIS के तीन ट्रेंड आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि ये तीनों आतंकवादी कई महीनों से गुजरात एटीएस के रडार पर थे. इससे पहले भी देश में हमले की साजिश रचने और नवयुवकों को गुमराह कर उन्हें आतंक के दलदल में घसीटने वाले मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया था. झारखंड की राजधानी रांची से कुछ आरोपियों को पकड़ा भी गया था.
एटीएस के जवानों ने ISIS के तीन आतंकवादियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है. बताया जा रहा है कि ये सभी संदिग्ध आतंकवादी हथियार एक्सचेंज करने के लिएगजात पहुंचे थे. देशभर में आतंकी हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे. इसको लेकर बड़ी साजिश रची गई थी. आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए तीनों आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. चिंता की बात यह है कि आईएसआईएस के आतंकवादी देश में पैर पसारने की फिराक में हैं. इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर संदिग्धों पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है.
गुजरात के गांधीनगर से गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के तीन आतंकवादियों में से दो संदिग्ध टेररिस्ट का उत्तर प्रदेश से कनेक्शन निकला है. बताया जा रहा है कि ये दोनों संदिग्ध आतंकवादी वेस्टर्न उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वहीं, तीसरा आतंकवादी हैदराबाद का रहने वाला है. जानकारी के अनुसार, सभी आतंकवादियों की उम्र 30 से 35 साल की है. खुफिया सूत्रों का दावा है कि ये तीनों संदिग्ध आतंकवादी पूरी तरह से ट्रेंड हैं.
आईएसआईएस की उत्पत्ति 2003-11 के इराक युद्ध के दौरान हुई थी. अबू मुसाब अल-ज़रकावी के नेतृत्व में AQI उस संघर्ष के कुछ सबसे भयावह और क्रूर हमलों के लिए ज़िम्मेदार था. साल 2006 में ज़रकावी की मृत्यु के तुरंत बाद इस समूह ने कई छोटे आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर खुद को इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक (ISI) के रूप में फिर से स्थापित किया.
यह बदलाव समूह के अपने प्रभाव को बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ देश के इस्लामी आतंकवादियों का सार्वभौमिक नेतृत्व हासिल करने की उसकी महत्वाकांक्षा को भी दर्शाता है. हालांकि, 2007 की शुरुआत में इस ग्रुप की गतिविधियां काफी कम हो गईं. इस उलटफेर के कारणों में आईएसआईएस लड़ाकों द्वारा अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में जनता के साथ कठोर व्यवहार और एक नई आतंकवाद विरोधी रणनीति शामिल थी.

