उदय दिनमान डेस्कः किसी जीव की आंखों को उसके मुंह के अंदर देखा है? यह किसी काल्पनिक कहानी की तरह है, लेकिन बिल्कुल सच है। कनाडा के ओंटारियो प्रांत के बर्लिंगटन काउंटी में एक ऐसे मेंढक की खोज हुई है। साल 1992 में खोजे गए मेंढक की आंखें उसके सिर पर नहीं बल्कि उसके मुंह में थीं। रिसर्चर स्कॉट गार्डनर ने इस अजीबोगरीब जीव की तस्वीरें खीची थीं। वह पहली बार इसे देखकर हैरान हो गए थे। यह किसी को तभी देख सकता था जब अपना मुंह खोलता था, क्योंकि आंखें उसके मुंह के भीतर थीं। यह अजीबोगरीब जरूर था, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्प भी था।
वैज्ञानिकों ने बताया कि एक बेहद दुर्लभ जेनेटिक गलती के कारण यह घटना हुई। इसके मैक्रोम्यूटेशन (Macro Mutation) कहा जाता है। आमतौर पर, जब किसी जीव का विकास होता है, तो उसके शरीर के अंग-जैसे सिर, आंखें और हाथ-पैर अपनी तय जगह पर बनते हैं, लेकिन कभी-कभी जीन में गड़बड़ी की वजह से यह प्रक्रिया गलत हो जाती है। इसके कारण अंग गलत जगह बन सकते हैं। इस मेंढक के साथ भी ऐसा ही हुआ। आंखों के बनने की प्रक्रिया भ्रूण के शुरुआती समय में गड़बड़ हो गईं और आंखें सिर की जगह मुंह के अंदर बन गईं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, कुछ परजीवी मेंढकों या टोड के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और उनके अंगों के विकास को प्रभावित कर देते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि शायद ऐसे ही किसी परजीवी ने इस मेंढक के भ्रूण के दौरान उसकी आंखों की जगह को दिया होगा।कभी-कभी कोशिकाओं में डीएनए कॉपी के दौरान एक छोटी-सी गलती के कारण बड़ा असर हो सकता है। यह ऐसी ही एक गलती थी, इससे मेंढक की आंखें मुंह के अंदर बन गईं।
1990 के दशक में ओंटारियो के कई तालाबों में प्रदूषण और रासायनिक कचरा मिला था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इन जहरीले पदार्थों से भ्रूण के विकास में रुकावट आ सकती है और इससे अजीबोगरीब बदलाव हो सकते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी विकृति के बाद भी यह मेंढक लगभग सामान्य जीवन जी रहा था। विज्ञान के इतिहास में यह घटना एक बहुत ही दुर्लभ उदाहरण बन गई। इससे खोज से पता चलता है कि प्रकृति में जीन और वातावरण के मिलकर काम करने से कितनी अजीब और अनोखी चीजों का विकास हो सकता है।

