पाकिस्तान:पाकिस्तान जहां भारत के साथ दुश्मनी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, वहीं गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए पूरी दुनिया में बदनाम भी है. आए दिन वहां आतंकी हमलों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार की खबरें सुनने को मिलती हैं, लेकिन पाकिस्तान की और दर्दनाक और शर्मनाक वास्तविकता है, वहां लगने वाला ‘दुल्हनों’ का बाजार, जिसमें नाबालिग लड़कयों को बेचा और खरीदा जाता है.
जी हां, पाकिस्तान में यह समस्या गरीबी, महंगाई और भ्रष्टाचार के कारण उपजी है, जो आज मानव तस्करी और यौन शोषण जैसी गंभीर समस्याओं का रूप ले चुकी है. वहीं पाकिस्तान में लगने वाला दुल्हनों का बाजार हमेशा से लगने वाला बाजार नहीं है, बल्कि एक संगठित क्राइम नेटवर्क है, जहां ईसाई समुदाय के गरीब परिवारों की नाबालिग लड़कियों को खरीदकर चीन के लोगों को शादी के नाम पर बेच दिया जाता है.
पाकिस्तान में चलने वाला ‘दुल्हनों’ की खरीद फरोख्त का यह काला कारोबार न केवल पाकिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा बयां करता है, बल्कि पूरी मानव जाति को कलंकित भी करता है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से आसानी से आना-जाना हो जाता है, वहीं ब्रोकर्स चीन और पाकिस्तान से सटे गांवों में एक्टिव हैं. जो गांवों में रहने वाले गरीब परिवारों से संपर्क करते हैं. इस धंधे में ईसाई पादरी भी अहम भूमिका निभाते हैं.
चीन के ब्रोकर्स पाकिस्तानी ब्रोकर्स से संपर्क करते हैं. शादी का लालच देकर गरीब परिवारों से उनकी 12 से 18 साल तक की उम्र वाली लड़कियां खरीदी जाती हैं और चीन के ब्रोकर्स से उनकी डील की जाती है. 700 से 3200 डॉलर यानी 60000 हजार से ढाई लाख रुपये तक लड़की के परिजनों को मिल जाते हैं. वहीं लड़की की कीमत उसकी उम्र और सुंदरता के अनुसार तय होती है, लेकिन अब इस बाजार के जरिए मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, यौन शोषण और अंग तस्करी को भी अंजाम दिया जाने लगा है.
मानवाधिकार आयोग के कई वॉलंटियर्स बाजार के बारे में जानकारी लेने के लिए चीन बॉर्डर से सटे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गांवों में गए, जहां पता चला कि गरीबी के कारण परिवार बेटियों को बेचने को मजबूर हैं. क्योंकि अकसर ऐसा होता है कि लड़की के साथ उनके भाई-बहन को भी खरीदार ले जाते हैं और अगर मां-बाप बीमार हों तो खरीदार उन्हें भी अपने साथ ले जाते हैं और इसके बदले में पैसा नहीं देना पड़ता, लेकिन पिछले कई सालों में लड़कियों को खरीदकार वेश्यावृत्ति में धकेले जाने के मामले सामने आए हैं.
गुप्त सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चीन में सिंगल चाइल्ड पॉलिसी 1979 में लागू हुई थी, जो 2015 तक एक्टिव रही. इसके चलते चीन में करीब 4 करोड़ लड़के ऐसे हैं, जो अतिरिक्त हैं और उन्हें शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलतीं. इसलिए वे पाकिस्तान के बाजार से दुल्हन खरीदकर फर्जी पासपोर्ट, वीजा और जाली दस्तावेजों से उन्हें चीन ले जाते हैं या अजरबैजान के रास्ते लड़कियों को चीन पहुंचा दिया जाता है, लेकिन यूनाइटेड नेशन्स और मानवाधिकार आयोग को मामले में सीधे दखल देकर लड़कियों की जिंदगी को बचाना चाहिए.
