उत्तर भारत कंपकंपाने वाली हवाओं की चपेट में

दिल्ली :उत्तर भारत विशेषकर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कंपकंपाने वाली सर्द हवाएं लोगों को परेशान कर रही हैं। पहाड़ों पर नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फबारी और कड़ाके की ठंड लौट आई है। मैदानी इलाकों में शीतलहर, घने कोहरे और प्रदूषण का संयुक्त प्रभाव जनजीवन पर सीधा असर डाल रहा है।

कश्मीर घाटी में तापमान माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में दिन में धूप रहने के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक 349 हो गया, जो बहुत खराब श्रेणी में है। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट, शीतलहर की तीव्रता बढ़ने और हिमालयी इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना मौसम को और कठिन बना सकती है।

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार उत्तराखंड में 12 दिसंबर से शीतलहर का प्रकोप तेजी से बढ़ने के आसार हैं। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे हिमालयी जिलों में भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। ऊंचाई वाले अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रह सकता है।

देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे मैदानी भागों में तेज सर्द हवाएं और घना कोहरा सुबह-शाम मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। आईएमडी के अनुसार उत्तराखंड में दिसंबर के मध्य तक पारा लगातार गिरावट दिखा सकता है और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मार्ग अवरुद्ध होने की आशंका है।

पंजाब और हरियाण के बड़े हिस्सों में घने कोहरे की परत छाई रहने की संभावना है। दृश्यता कम होने से सड़क और रेल यातायात पर असर पड़ेगा। तापमान में गिरावट के साथ घना कोहरा अगले पांच दिनों तक बना रह सकता है। हरियाणा-चंडीगढ़ क्षेत्र में भी सुबह और देर शाम दृश्यता बेहद कम होने की चेतावनी जारी हुई है।

हिमाचल प्रदेश में 13 दिसंबर से नया पश्चिमी विक्षोभ असर दिखाना शुरू करेगा जो 14 दिसंबर को ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और वर्षा ला सकता है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से सड़क परिवहन बाधित हो सकता है। शिमला सहित आसपास के क्षेत्रों में तापमान में और गिरावट के संकेत हैं। मौसम विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय प्रशासन को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

कश्मीर घाटी में माइनस 18 डिग्री तक पहुंचा पारा…कश्मीर घाटी शीतलहर के चरम पर है। जोजिला पास का तापमान माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया, जो इस समय देश का सबसे कम रहा। गुलमर्ग में माइनस 5.5, श्रीनगर में माइनस 1.9 और श्रीनगर एयरपोर्ट क्षेत्र में माइनस 3.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।कुपवाड़ा, पुलवामा, अनंतनाग और शोपियां जैसे जिलों में भी तापमान माइनस 2 से माइनस 4 डिग्री के बीच बना हुआ है।कड़ाके की ठंड के कारण पाला बढ़ गया है, जलस्रोत जम रहे हैं और कई क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते यातायात प्रभावित हो रहा है।

दिल्ली-एनसीआर में बीते दिनों में अधिकतम तापमान लगभग 24 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहा, जबकि न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे बढ़कर 10 से 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। इसके बावजूद शीतलहर जैसी परिस्थितियां और सुबह-शाम की ठिठुरन बनी हुई है।पश्चिमी हवाओं की गति पिछले 24 घंटों में 17 किमी प्रति घंटे तक रही, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई। सबसे चिंताजनक स्थिति प्रदूषण की है दिल्ली का एक्यूआई 349 दर्ज हुआ जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन रोगियों के लिए खास सावधानी बरतने की सलाह दी है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और अवध क्षेत्र में अगले कुछ दिनों तक ठंड और कोहरे का असर प्रमुख रूप से बना रहेगा। पश्चिमी यूपी में रात के तापमान में हल्की गिरावट देखी जा रही है, जबकि सुबह और देर रात घना कोहरा सड़क परिवहन को प्रभावित करेगा। पूर्वी यूपी में कोहरा अधिक घना रहने का अनुमान है, जिसकी अवधि 15 दिसंबर तक बढ़ सकती है। यहां न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट जारी रहेगी।

कई राज्यों में अलर्ट…महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और उत्तरी ओडिशा में 12 से 13 दिसंबर तक शीतलहर चलने की संभावना जताई गई है।पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भी 12 और 13 दिसंबर को शीतलहर का असर दिख सकता है।पूर्वोत्तर भारत असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 11 से 15 दिसंबर तक घना कोहरा बना रहने की चेतावनी है।

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हिमालयी राज्यों में मौसम का रुझान अगले कुछ दिनों में और बदलेगा। मैदानी इलाकों में कोहरा, तापमान में उतार-चढ़ाव और प्रदूषण से जनजीवन प्रभावित रहेगा। दिसंबर का यह मध्य भाग बर्फबारी, शीतलहर, कोहरे, तेज धूप और समुद्री तेज हवाओं इन सभी का मिश्रित मौसम पैटर्न दिखा रहा है, जिसके चलते सतर्कता बेहद जरूरी है।अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। तमिलनाडु और श्रीलंका तट के पास समुद्र में हवाएं 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं।

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