कैलिफोर्निया में शक्तिशाली भूकंप, सड़कों पर पत्थर गिरे

अमेरिका:अमेरिका में भूकंप के तगड़े झटकों के कारण दक्षिणी कैलिफोर्निया में सड़कों पर पत्थर गिरने की खबर है। सैन डिएगो के बाहर ग्रामीण सड़कों पर पत्थरों के गिरने के अलावा लोगों के घरों के भीतर भी दहशत फैल गई। अलमारियों में रखे सामानों के अलावा दीवारों के हिलने से लोग सहम गए। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल, किसी के हताहत होने या बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक सैन डिएगो के पास स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 10.08 बजे भूकंप के झटके लगे। यूएसजीएस के मुताबिक भूकंप का केंद्र सैन डिएगो काउंटी में था। इसका असर लॉस एंजिल्स काउंटी तक महसूस किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक 5.2 तीव्रता के भूकंप के बाद भी कई झटके महसूस किए गए।

सैन डिएगो काउंटी के पहाड़ी शहर जूलियन में भी भूकंप के झटके लगे। यहां की आबादी करीब 1500 है। स्थानीय निवासी पॉल नेल्सन ने बताया कि घर की खिड़कियां हिल रही थीं। उन्हें डर था कि वे टूट जाएंगी, लेकिन किस्मत अच्छी थी कि ऐसा नहीं हुआ।

अब बंद हो चुकी सोने की एक खदान के पूर्व मालिक नेल्सन के मुताबिक भूकंप के कारण ईगल माइनिंग कंपनी में गिफ्ट शॉप के काउंटर पर रखे कुछ फोटो फ्रेम गिरे। जिन सुरंगों में पर्यटकों को जाने की अनुमति है, वहां कोई नुकसान नहीं हुआ है। रविवार को भी भूकंप के झटके लगे थे, उस समय लगभग दो दर्जन आगंतुक खदान में थे। सोमवार को आए भूकंप के समय खदान के अंदर कोई नहीं था।

सैन डिएगो के परिवहन अधिकारियों ने पहाड़ी से गिरे पत्थरों से सतर्क रहने को कहा है। सड़कों और राजमार्गों पर नजर रखने की अपील करते हुए सैन डिएगो काउंटी के कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेस्ट्री एंड फायर प्रोटेक्शन के कैप्टन थॉमस शूट्स ने बताया कि भूकंप के झटकों के बाद एहतियात के तौर पर स्कूली बच्चों को इमारतों से बाहर निकाल दिया गया। सैन डिएगो काउंटी शेरिफ विभाग ने भी कहा कि उन्हें किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

दक्षिणी कैलिफोर्निया की अनुभवी भूकंप विज्ञानी लूसी जोन्स ने बताया कि भूकंप एल्सिनोर फॉल्ट जोन के निकट 13.4 किलोमीटर गहराई में आया। यह भूकंप की दृष्टि से कैलिफोर्निया का सर्वाधिक संवेदनशील इलाका है। एल्सिनोर सैन एंड्रियास फॉल्ट सिस्टम का हिस्सा है।

यहां हर साल 4.0 तीव्रता का कम से कम एक भूकंप जरूर आता है। सैन डिएगो में रहने वाले कुछ लोग यूएसजीएस की शेकअलर्ट प्रणाली की मदद से भूकंप से बचाव करते हैं। इस प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की मदद से झटकों के एक या दो सेकंड पहले ही भूकंप का अलर्ट मिल जाता है।

बता दें कि हाल ही में म्यांमार और बैंकॉक में विनाशकारी भूकंप आया था। 28 मार्च के भूकंप के बाद म्यांमार में 3600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 5000 से अधिक लोग घायल भी हुए। यह भी अहम है कि म्यांमार फिलहाल गृहयुद्ध से जूझ रहा है।

इस वजह से पहले ही 30 लाख से अधिक लोग यहां से विस्थापित हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया था कि 28 मार्च को आए भूकंप से होने वाली क्षति म्यांमार में मौजूदा मानवीय संकट को और भी बदतर बना देगी। भारत ने इस संकट के बीच मदद की कई खेप भेजी है।

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