ऋषिकेश :एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह के बाद यहां कई अत्याधुनिक सुविधाएं शुुरू हो जाएंगी। जिससे विभिन्न रोगों के उपचार में आसानी होगी। पीईटी सीटी मशीन से एमआरआई की अपेक्षा कैंसर की पहचान जल्दी होती है इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
दीक्षांत समारोह के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स के एयरोमेडिकल सेवाओं का दौरा करेंगे। इसके साथ ही ट्रॉमा सेंटर में पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (पीएसीएस) का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पीईटी सीटी सुविधा और उन्नत बाल चिकित्सा हेतु नवनिर्मित सेंटर फॉर एडवांस्ड पीडियाट्रिक्स का भी लोकार्पण भी करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री धामी आयुष भवन में एकीकृत चिकित्सा विभाग, आयुष एकीकृत कल्याण पथ और योग स्टूडियो का भी उद्घाटन करेंगे।
अब एम्स ऋषिकेश में प्रारंभिक चरण में ही कैंसर रोग की पहचान हो सकेगी। मंगलवार से यहां पीईटी सीटी मशीन (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी) से कैंसर रोग की जांच व उपचार हो सकेगी। उक्त अत्याधुनिक मशीन को लगाने और खरीदने की परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड मुंबई से एम्स प्रशासन को अनुमति मिल चुकी थी। इस मशीन से कैंसर के रोगियों की जांच व उपचार करने वाला एम्स उत्तराखंड का पहला सरकारी चिकित्सा संस्थान होगा।
अभी तक यहां कैंसर रोगियों की जांच के लिए एमआरआई व सीटी स्कैन का सहारा लिया जाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि एमआरआई व सीटी स्कैन की जांच में 40 से 45 फीसदी मरीजों में प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता नहीं लग पाता है। पीईटी सीटी मशीन प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता लगाने में मदद करता है। इस मशीन से एमआरआई की अपेक्षा कैंसर की जांच व पहचान जल्दी होती है। साथ ही यह उपचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इस मशीन से उपचार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मशीन उपचार के दौरान केवल उसी कोशिका को टारगेट करती है, जो कैंसर से प्रभावित है। अन्य अंगों या कोशिकाओं पर यह कोई प्रभाव नहीं डालती है। जिससे इसके दुष्परिणाम नहीं होते हैं। जबकि कैंसर के अन्य उपचार विधियों में प्रभवित अंगों के साथ ही अन्य अंग या कोशिकाएं प्रभावित होती हैं।
पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (पैक्स) एक मेडिकल इमेजिंग तकनीक है जो चिकित्सा छवियों को संग्रहीत, एक्सेस और वितरित करने के लिए एक केंद्रीकृत सिस्टम प्रदान करती है। यह सिस्टम अलग-अलग इमेजिंग उपकरणों (जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड) से छवियों को प्राप्त करता है और उन्हें एक सुरक्षित और सुलभ तरीके से संग्रहीत करता है।