इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपने सैन्य हवाई अड्डों पर हुए नुकसान को खूब छिपाने की कोशिश की, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें दुनिया के सामने आ जाने के बाद उसे आखिरकार सच कबूल करना पड़ा।
भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया था, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण नूर खान (चकलाला) एयरबेस था। इस एयरबेस से महज 5 किमी की दूरी पर पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय है। हालांकि, इसके बाद भी पाकिस्तान ये कहता रहा कि भारत के हमलों में मामूली नुकसान हुआ लेकिन अब नई तस्वीरें बता रही हैं कि यह अनुमान से कहीं बड़ा है।
नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले की जगह के पास एक पूरा परिसर ध्वस्त हो गया। इंटेल लैब से जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि हमले के साथ के पास स्थित ऑपरेशन कैंपस तबाह हो गया है।
इंटेलिजेंस रिसर्चर डेमियन साइमन ने 23 मई की नई सैटेलाइट तस्वीरें रविवार को अपने एक्स हैंडल पर शेयर की हैं। इससे पहले की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि हमले ने कुछ संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया था और दो विशेष सैन्य ट्रकों को नष्ट कर दिया था।
डेमिनय साइमन की पोस्ट में कहा गया है कि ‘पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस की समीक्षा से पता चलता है कि भारत के हमले के स्थान के पास का पूरा परिसर अब ध्वस्त हो चुका है, जिससे पता चलता है कि हमले का असर दो विशेष उद्येश्य वाले ट्रकों से कहीं ज्यादा था। संभवतः इससे नुकसान का एक व्यापक रूप सामने आया है।’
रावलपिंडी के पास चकलाला में स्थित नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक बेस में गिना जाता है। इसकी लोकेशन इसे महत्वपूर्ण बनाती है, जो पाकिस्तान रणनीतिक योजना डिवीजन से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यह डिवीजन पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार और सेना के जनरल मुख्यालय (GHQ) की देखरेख करता है। एयरबेस सी-130 परिवहन विमान और निगरानी प्लेटफॉर्मों का घर है।
भारत के 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की सुबर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्ता के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अंदर आतंकवादी ढांचों पर मिसाइलों और लंबी दूरी के हथियारों के साथ हमला बोला था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण संघर्ष शुरू हो गया, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुआ।