उदय दिनमान डेस्कःअद्भुत: हिमाचल का राज्य पक्षी जाजुराना इतना खूबसूरत कि आपकी…! आप भी इसे देखेंगे तो आपकी आंखे भी फटी की फटी रह जाएंगी। शायद इसी कारण हिमांचल ने इसे अपना राज्य पक्ष बनाया। चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में विस्तार से-
हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी जाजुराना (वेस्टर्न ट्रेगोपन) है. इस खूबसूरत और दुर्लभ पक्षी का वैज्ञानिक नाम Tragopan Melanocephalus है. जाजुराना को संरक्षण करने के लिए दुनिया में एकमात्र प्रजनन केंद्र सराहन में है. जहां से अभी हाल ही में खुशखबरी आई है कि वहां 8 नए मेहमानों ने पंख फैलाए हैं. जिसके बाद अब शिमला के इस केंद्र में जाजुराना पक्षियों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है.
नए मेहमानों में से पांच का प्राकृतिक क्रिया और तीन का इनक्यूबेटर से जन्म हुआ है. यहां की आवोहवा भी इन्हें खूब रास आ रही है. 2007 में जाजुराना को राज्य पक्षी बनाए जाने की घोषणा की गई. बतादें कि आने वाले समय में प्रजनन केंद्र इन पक्षियों को जंगल में भी छोड़ने की तैयारी कर रहा है.

जाजुराना के प्रजनन के लिए 2017 सबसे सफल वर्ष बताया जा रहा है. सराहन में विश्व का एक मात्र पक्षीशाला है जहां जाजुराना को आम आदमी देख सकता है. अब यहां दोनों विधियों से सफल प्रजनन कराया जाता है. सराहन वन मंडलाधिकारी कुणाल अंग्रिश के अनुसार वर्षों की मेहनत के परिणाम के कारण ही यहां जाजुराना की संख्या बढ़ी है.
वन विभाग ने एक समर्पित टीम बनाई है. जंतुविज्ञानी नरसिम्हा के नेतृत्व में टीम पक्षियों की देखभाल करती है. सीसीटीवी से पक्षियों की सभी गतिविधियों पर बिना उन्हें परेशान किए नजर रखी जाती है. नवजात चूजों की तो विशेष देखभाल की जाती है. कुणाल अंग्रिश के अनुसार इनक्यूबेटर विधि से जाजुराना के चूजों का जन्म विश्व में पहला सफल प्रयास है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसा प्रयास पहले कहीं नहीं हुआ. वह आगे कहते हैं कि इस सफलता के आने वाले दिनों में और बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे. इस विधि से अंडे सेकने के लिए मादा जाजुराना की जरुरत नहीं पड़ती, मशीन ही सब कुछ करती है.
वेस्टर्न ट्रेगोपेन को दुनिया की सबसे विलुप्त प्राय प्रजाति का दर्जा मिला हुआ है. विश्व भर में केवल 4,500 जाजुराना ही बचे हैं. संरक्षण और प्रजनन नहीं होने के कारण इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है. ट्रेगोपेन एक फैमिली पक्षी है. इसके कुल मिलाकर पांच प्रकार हैं. पश्चिमी हिमालय में जो जाजुराना पाया जाता है उसे ‘वेस्टर्न ट्रेगोपेन’ कहा जाता है.
हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी पहले ‘मोनाल’ था जो कि उत्तराखंड का राज्यपक्षी भी था वहीं, नेपाल का भी राष्ट्रीय पक्षी था. जिसे बाद में बदल दिया गया. अब हिमाचल का राज्य पक्षी दुर्लभ जाजुराना ही है.