गंगा एक्सप्रेसवे पर वायुसेना ने दिखाया दम

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे पर वायुसेना ने शुक्रवार को लड़ाकू विमानों की आपात लैंडिंग के लिए ट्रायल कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। जलालाबाद में गंगा एक्सप्रेसवे पर साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है। यह देश की पहली ऐसी हवाई पट्टी है, जहां वायुसेना के लड़ाकू विमान दिन और रात में भी उतर सकेंगे। दिन के बाद आज रात में ही लड़ाकू विमानों की नाइट लैंडिंग भी कराई गई।

शुक्रवार दोपहर को हवाई पट्टी पर राफेल, मिराज और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने एयर शो किया। इन लड़ाकू विमानों ने गंगा एक्सप्रेसवे पर टच एंड गो का अभ्यास किया। इस एयर शो का उद्देश्य युद्ध या आपदा के समय इस एक्सप्रेसवे को वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल करना है।

शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे 44 गांवों से गुजर रहा है। यहां इसकी लंबाई करीब 42 किमी है। अधिकतर स्थानों पर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जलालाबाद में पीरू गांव के पास 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है, जिस पर शुक्रवार को आपात लैंडिंग का ट्रायल किया गया।

गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी यह देश की पहली ऐसी हवाई पट्टी है, जहां लड़ाकू विमान दिन व रात दोनों समय में लैंडिंग कर सकेंगे। सुरक्षा के दृष्टिकोण से हवाई पट्टी के दोनों किनारों पर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। विमान लैंडिंग का आयोजन दिन और रात दोनों समय में इसलिए किया जा रहा है, ताकि एयर स्ट्रिप की नाइट लैंडिंग कैपेबिलिटी का भी टेस्ट किया जा सके।

शुक्रवार को मौसम बिगड़ने और बारिश की आशंका के चलते एकबारगी एयर शो और विमानों की लैंडिंग का कार्यक्रम स्थगित होने की भी चर्चा रही, लेकिन मौसम सही होने पर एयर शो शुरू हुआ। राफेल, मिराज और जगुआर विमानों ने हवाई पट्टी पर टचडाउन किया। स्कूली बच्चों समेत सैकड़ों लोगों ने एयर शो देखा। उनके लिए यह पल रोमांचकारी रहे।

मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे का बदायूं से लेकर प्रयागराज तक 464 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे का निर्माण अदाणी ग्रुप द्वारा किया जा रहा है। अदाणी समूह बदायूं से हरदोई तक 151.7 किमी, हरदोई से उन्नाव तक 155.7 किमी और उन्नाव से प्रयागराज तक 157 किमी के तीन समूहों का निर्माण कर रहा है, जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। गंगा एक्सप्रेस का लगभग 80 प्रतिशत से ऊपर काम पूरा हो गया है।

डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर लागू होने वाला यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। बता दें कि अदाणी समूह उत्तर प्रदेश में छह लेन के एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इसकी रियायत की अवधि 30 वर्ष होगी।

फिलहाल अभी अदाणी समूह के पास 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 13 ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनके तहत पांच हजार किमी से ज्यादा की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। जो नौ राज्यों – छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है।

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