नई दिल्ली। भारत दनिया का चौथा सबसे बड़ा रक्षा बजट वाला देश बन गया है। 2022 में भारत ने सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों के आधुनिकीकरण और सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के मामले में कुल 23 प्रतिशत खर्च किया है। दरअसल स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट ने दुनिया के सभी देशों की रक्षा खर्च को लेकर रिपोर्ट जारी की है।
भारत की ओर से पिछले साल बजट में सैन्य खर्च को लेकर 5.25 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, वहीं 2021 से 2022 में 4.78 लाख करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के देशों ने अपनी सेनाओं पर 2240 अरब डॉलर यानी कि 183 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
हालांकि, रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध की वजह से 2021 के मुकाबले ये खर्च 3.7 प्रतिशत बढ़कर 2240 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। जंग की वजह से यूक्रेन का सैन्य खर्च छह गुना बढ़ा है और 44 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
भारत इस सूची में चौथे नंबर पर है। इसमें पांचवें नंबर पर सऊदी अरब है जिसने पिछले साल 75 अरब डॉलर खर्च किए हैं, वहीं तीसरे नंबर पर है रूस, इस देश ने 86.4 अरब डॉलर खर्च किए हैं तो वहीं दूसरे नंबर पर चीन और पहले पर अमेरिका है। चीन ने 292 अरब डॉलर जबकि 877 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
वैसे, चीन की बात की जाए तो ये देश हर साल 200 अरब डॉलर से अधिक अपनी सेना पर खर्च करता है। चीन ने अपने 2023 के बजट में भी रक्षा खर्च बढ़ाया है। चीन ने इसे 225 अरब डॉलर कर दिया है, जो कि पिछले साल से 7.2% अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने ताइवान और साउथ चाइना सी को लेकर अमेरिका से बढ़े विवादों को लेकर अपने रक्षा बजट को बढ़ाया है। अगर भारत से तुलना की जाए तो ये 4 गुना ज्यादा है। हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन और रूस के सैन्य खर्च को लेकर पारदर्शिता न होने के कारण ये आंकड़ा ज्यादा का भी हो सकता है।
रूस की बात करें तो ये देश 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, तीसरे नंबर पर है। वहीं 2021 में ये पांचवे नंबर पर था। जो कि 2 कदम आगे बढ़ा है। 2021 में देश ने 66 अरब डॉलर खर्च किए थे। वहीं दोनों देशों की जंग के बीच यूक्रेन अब सैन्य खर्च के मामलों में 11वें स्थान पर पहुंच गया है। देश ने 44 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
भारत जहां एक तरफ चौथे स्थान पर सैन्य खर्च के मामले में पहुंच गया है तो वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान को इस रिपोर्ट में 24वां नंबर मिला है। हालांकि, आर्थिक संकट के बीच भी पाकिस्तान की ओर से रक्षा खर्च को लेकर लगातार बढ़ोतरी भी की जा रही है। पाकिस्तान ने 2022 में 10.3 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
SIPRI के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दुनिया के सैन्य खर्च बढ़ने के कारण खतरे को लेकर भी संकेत दिए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते सैन्य उपकरणों की होड़ और खर्च, ये साबित करता है कि हम एक असुरक्षित दुनिया में जी रहे हैं। सभी देश अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है, इसके कारण सभी देश अपने सैन्य खर्च को बढ़ा रहे हैं।
SIPRI यानी की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना 1966 में हुई थी। ये इंस्टीट्यूट युद्धों और संघर्ष, युद्धक सामग्रियों, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के फील्ड में रिसर्च करती है। साथ ही शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक लोगों को आंकड़े प्रदान करती है।