नई दिल्ली: देश का यूथ, फाइनेंस मिनिस्टर यानी निर्मला सीतारमण से आज जॉब्स को बूस्टर डोज देने की उम्मीद कर रहा था, ताकि फ्यूचर ब्राइट हो जाए। उनका भी और देश का भी।लेकिन पिछली बार की तरह फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पीएम कौशल विकास योजना का ही 4.0 वर्जन लॉन्च करने की बात कही। दूसरी ओर युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए अलग-अलग राज्य में 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाने की घोषणा की।
पीएम कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च की जाएगी, जिसके जरिए ऑन जॉब ट्रेनिंग मिलेगी।
‘यूनिफाइड स्किल इंडिया डिजिटल प्रोग्राम’ के तहत अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे।
47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए ‘पैन इंडिया नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत 3 साल तक स्टाइपेंड/भत्ता दिया जाएगा।हालांकि 2023 के बजट में FM ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में जॉब बांटने की कोई चर्चा नहीं की।
तो कुल मिलाकर बजट में जॉब्स को लेकर सिर्फ 3 ही घोषणाएं हुईं। बजट के बाद आपके जरूरत की कई चीजें सस्ती और महंगी भी हो गई हैं। हालांकि, पांच साल पहले GST आ गया था। उसके बाद से बजट में ये समझना मुश्किल होता गया कि सस्ता-महंगा क्या होगा। क्योंकि अब यहां डायरेक्ट टैक्स की बात नहीं होती। इंडायरेक्ट टैक्स में कुछ ऊंच-नीच होती है। तो उसके असर के तौर पर सस्ते-महंगे का हिसाब लगाया जाता है।
14 सेक्टर्स में 5 साल के अंदर 60 लाख नौकरियों का ऐलान। 1.97 लाख करोड़ रुपए की इस प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से मेक इन इंडिया के तहत डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स पर सब्सिडी दी जाती है।
31 जनवरी 2023 को जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022 में बताया गया कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत 3 लाख रोजगार जनरेट हुए।
आत्मनिर्भर भारत योजना में 16 लाख नौकरियां
EPFO ने जून 2022 की रिपोर्ट में कहा था कि अक्टूबर 2020 से मार्च 2022 के बीच आत्मनिर्भर भारत स्कीम के तहत तय 50.9 लाख नौकरियों के मुकाबले 70.5 लाख नौकरियां दी गईं। यह टारगेट से 28% ज्यादा है। हालांकि, EPFO ने सालाना डेटा जारी नहीं किया।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक, दिसंबर 2022 में बेरोजगारी दर 8.3% रही। ये बीते 16 महीने में सबसे ज्यादा थी। इससे पहले अगस्त 2021 में बेरोजगारी दर 8.3% रही थी। जनवरी में जारी डेटा के मुताबिक यह 7.14% पर आ गई।
CMIE के MD महेश व्यास का कहना है कि हाल के महीनों में रोजगार में लगातार बढ़ोतरी के बदौलत दिसंबर 2022 तक रोजगार 41 करोड़ तक पहुंच गया। यह कोरोना महामारी से पहले यानी जनवरी 2020 के बाद का हाईएस्ट एम्प्लॉयमेंट लेवल है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पेरोल डेटा के मुताबिक, नवंबर 2022 में 16.2 लाख नए मेंबर जुड़े। यह पिछले साल यानी नवंबर 2021 से 16.5% ज्यादा है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि पिछले 9 साल में EPFO के सदस्य दोगुने हो गए है, यानी करीब 27 करोड़।
वित्त वर्ष 2021-22 में 1.22 करोड़ नए एनरोलमेंट हुए थे। वित्त वर्ष 2022-23 के 8 महीने यानी अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच 1.05 करोड़ एनरोलमेंट हुए। इसके बाद का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है। आप नीचे दिए गए ग्राफिक्स में डीटेल देख सकते हैं…
31 अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर्स में 28.55 करोड़ मजदूर अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर यानी ऐसे क्षेत्र जिनमें 10 से कम लोग काम करते हैं, जैसे जनरल स्टोर, खेत, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर। ई-श्रम पोर्टल के मुताबिक, 30 जनवरी 2023 तक 28.55 करोड़ मजदूर रजिस्टर्ड हुए हैं।
लिंक्डइन इंडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 25 सेक्टर्स 2023 में सबसे ज्यादा रोजगार देंगे। लिंक्डइन ने जनवरी 2018 से जुलाई 2022 के बीच किए रिसर्च के आधार पर कुछ नतीजे निकाले, जो बताते हैं कि 2023 में किस सेक्टर में किस तरह की नौकरियों की ज्यादा मांग है।