उदय दिनमान डेस्कः अमरनाथ यात्रा आज एक जुलाई से शुरू हो गई। पवित्र गुफा की ओर बाबा बर्फानी के भक्तों का पहला जत्था नूनवन बेस कैंप से रवाना हुआ। बेस कैंप से 1997 यात्रियों ने पैदल चढ़ाई शुरू की, जो पहलगाम के पारंपरिक रास्ते से बाबा की गुफा पहुंचेंगे।
मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ पहलगाम के रास्ते से ही माता पार्वती के साथ अमरनाथ गुफा गए थे। तब से इस रास्ते को काफी शुभ माना जाता है। हालांकि इस रास्ते से 46 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई रहती है।
नूनवन से निकल कर पहला पड़ाव चंदनवाड़ी होगा, फिर महागुणस टॉप फिर शेषनाग और फिर पंजतरनी में यह यात्रा बालटाल से चढ़ाई कर रहे यात्रियों से मिलेंगे। यात्रा के लिए सभी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा से लेकर खाने पीने तक हर बात का पूरा ख्याल रख गया है। मौसम जो एक बड़ी चुनौती रहती है, उसका भी पूरा ख्याल रखा गया है।
यात्रियों का मानना है कि भोले के बुलावे के सामने यह यात्रा कि चढ़ाई की कठिनाइयां कोई अहमियत नहीं रखती और भोले से दरबार में बार बार जाएंगे। भक्त कहते हैं कि व्यवस्था बेहद अच्छी है। इस साल काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। काफी सुविधाएं बढ़ाई गई है।
भोले के यात्रा इस वर्ष काफी शुभ है, क्योंकि इस यात्रा में दो मास श्रवण के हैं और श्रवण में भोले के दर्शन करना शुभ माना जाता है। इसलिए यात्रा को 62 दिनों का रखा गया है।
एक श्रद्धालु ने कहा कि कई हजार लोग बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे दर्शन अच्छे होंगे। कश्मीर के लोग बहुत सहयोग कर रहे हैं और BSF, CRPF भी बहुत मदद कर रही है। यात्रियों की मदद के लिए लोगों ने यहां लंगर भी लगाए हुए हैं उसके लिए उनको धन्यवाद।
गांदरबल के उपायुक्त श्यामबीर ने कहा कि आज हम यहां से यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना कर रहे हैं। मैं कामना करता हूं कि सबकी यात्रा मंगलमय हो। यात्रियों से निवेदन है कि वे अपने सभी सुविधाओं का लाभ लें। अभी करीब 7000 से 8000 यात्री हैं। रजिस्ट्रेशन अभी भी जारी है। हमारे वालंटियर सभी जगहों पर मदद के लिए मौजूद हैं।