एएनएम और स्टॉफ नर्स की होगी जल्द भर्ती

देहरादून: प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में लंबे समय से खाली चल रहे एएनएम और स्टॉफ नर्सों के 3624 पदों पर शीघ्र भर्ती की जाएगी।

इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सामुदायिक स्वास्थ्यअधिकारी (सीएचओ) के 664 पदों पर विभाग ने हेमवंती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय के माध्यम से चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य महानिदेशालय में स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधाएं उपलब्ध कराने व तकनीकी स्टॉफ नियुक्त करने के निर्देश दिए।

जिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की सहायता व अस्पताल की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए गठित रोगी कल्याण समिति में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की सहायता व अस्पतालों के बेहतर संचालन के लिए गठित कमेटी में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

इसमें विधायक, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि नामित किए जाएंगे। इसके लिए समिति के नियमों में संशोधन किया जाएगा। शासन व महानिदेशालय स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को एक-एक जनपद का भ्रमण करने, आवंटित जनपदों की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट महानिदेशक को सौंपेंगे।

राजकीय मेडिकल कॉलेजों, राजकीय चिकित्सालयों में आईपीएचएस मानकों के अनुरूप पैरा मेडिकल स्टॉफ, तकनीक स्टॉफ के ढांचे का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाने के भी निर्देश दिए। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने अवगत कराया कि प्रदेश में अब तक 41348 रक्तदाताओं का पंजीकरण किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 83 फीसदी है। शीघ्र ही स्वैच्छिक रक्तदान कराने के लिए छात्र-छात्राओं के लिए महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की। उन्होंने सभी सीएमओ को शत प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए एक सप्ताह के भीतर निक्षय मित्र बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य है, जहां सर्वाधिक निक्षय मित्र बनाए गए हैं। प्रदेश में अब तक पांच हजार से अधिक निक्षय मित्र बनाए जा चुके हैं। 2024 तक उत्तराखंड को टीबी मुक्त किया जाएगा।

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