समस्तीपुर,विहार।जअनोखी अदालत: यहां होते हैं स्पेशल जज, चलता है अपना कानून !ी हां। ऐसा होता है और वह भी हमारे देश में। यह अनोखी अदालत लगती है बिहार में। आप सोच रहे होंगे कि बिहार तो भारत में ही है और देश में जो कानून है वह यहां भी लागू है फिर ऐसा कैसे। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
जिले में घुमंतु खानाबदोश कुररियाड़ महासंघ की साल में एक बार पांच दिनों के लिए गोवर्धन अदालत लगती है, जहां इस समुदाय में अपने कानून और अपनी न्यायिक प्रक्रिया के तहत गुनाहगारों को सजा दी जाती है जो अपने आप में अनोखी होती है। समाज के सभी लोग अपने सभी विवाद निपटाते हैं। ये लोग न थाने जाते हैं और न कचहरी।
विधि विधान के साथ कुलदेवता की पूजा के साथ न्याय के प्रतीक खंभे को गड्ढा खोदकर खड़ा किया गया। एक बड़ा गोलाकार चिह्न बनाकर लोग इसके चारों ओर बैठ गए। रविवार को हत्या और घरेलू विवाद से जुड़े चार केस में सुनवाई की गई। इनमें खंभे से बांधने, उल्टा कर खंभे से लटकाने और महिलाओं के सिर के बाल कटाने तक की सजा दी गई। लाखों में आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया।
गोवर्धन अदालत के 32 तथा कासमा और मिरदाहा के आठ-आठ जज सिर पर सफेद पगड़ी बांधकर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस समाज के परंपरागत रीति रिवाज और कानून के आधार पर मामले की सुनवाई करते हुए दोषियों को सजा दी गई।
बताया गया कि गोवर्धन अदालत में जज का फैसला सर्वमान्य होता है। इसके बाद किसी दूसरी अदालत में मामले की अपील नहीं की जाती है। खास बात यह है कि किसी महिला द्वारा पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से अनैतिक संबंध बनाने पर उसके पति या अभिभावक को भी सजा दी जाती है।

यहां special court देती है सज़ा, चलता है अपना कानून #bihar #kuredisociety #court
4:06 pm – 22 जुल॰ 2019Twitter Ads की जानकारी और गोपनीयताkajal lall के अन्य ट्वीट देखें
जघन्य अपराध करने वालों को समाज से वंचित कर दिया जाता है। गोवर्धन अदालत में राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 25 हजार लोग शामिल हुए। मौके पर काफी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।शंभुपट्टी मध्य विद्यालय के समीप लगी
गोवर्धन अदालत में शनिवार को जज ने हत्या के प्रयास और दुष्कर्म समेत विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए सात दोषियों को शारीरिक और आर्थिक सजा दी। अदालत के बीच न्याय के खंभे से बांधकर दोषियों के चेहरे पर कालिख और चूना लगाया गया।
सरायरंजन प्रखंड के रामचंद्रपुर निवासी मिथुन कुरेरी को भाई की हत्या के प्रयास के फलस्वरूप 51 हजार रुपये आर्थिक दंड के साथ खंभे से बांधकर चेहरे पर कालिख और चूना लगाया गया। वहीं दलसिंहसराय के एक व्यक्ति की पत्नी को दूसरे से अनैतिक संबंध बनाने के कारण खंभे से बांधकर चेहरे पर कालिख और चूना लगाया गया। इतना ही नहीं सिर के बाल काट दिए गए।इसके साथ ही ढाई लाख रुपये अर्थदंड की सजा दी गई।
दरभंगा जिले के सोनखी निवासी एक जोड़े को अनैतिक संबंध बनाने व सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में चेहरे पर कालिख लगाकर सिर के बाल काटने के साथ चार लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। हसनपुर दुधपुरा निवासी एक युवक तथा उसकी माता को वेश्यावृति में संलिप्त रहने के आरोप में चेहरे पर कालिख और चूना लगाकर सिर के बाल काटने का आदेश दिया गया। साथ ही 1 लाख 51 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

kajal lall@lallkajal · 16 घंटे
यहां special court देती है सज़ा, चलता है अपना कानून #bihar #kuredisociety #court

Special court
4:08 pm – 22 जुल॰ 2019Twitter Ads की जानकारी और गोपनीयताkajal lall के अन्य ट्वीट देखें
मुगलकाल से ही इस समाज की न्यायिक व्यवस्था और कार्यप्रणाली सरकार की विधि व्यवस्था और कानून से अलग है। इस समाज के लोगों का कहना है कि वे अपनी समस्याओं और विभिन्न मामलों को लेकर पुलिस या कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाते। यहां समाजिक स्तर पर पारंपरिक न्याय व्यवस्था और कानून के आधार पर मामले की सुनवाई होती है।

गोवर्धन अदालत इस समाज का सर्वोच्च न्यायालय है। इसके बाद किसी दूसरे न्यायालय में मामले की अपील नहीं होती। जज का फैसला सर्वमान्य है। इसे लोग स्वीकार करते हैं। महासंघ के अध्यक्ष कमल कुरेड़ी ने कहा कि हमलोग भारतीय संविधान और मानवाधिकार का सम्मान करते हैं। समाज द्वारा यह परंपरा मुगलकाल से ही चली आ रही है।
उधर, करोड़ी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल करोड़ी ने बताया, “वे कानून की इज्जत करते हैं। पंचायत में मानवाधिकार का हनन नहीं होता है। समाज के लोग आपस में बैठक कर सामने आने वाले मामलों को अपने स्तर पर समाधान खोज लेते हैं।”