कार्डिफ : मेटल डिटेक्टरिस्टों ने वेल्स के एक द्वीप एंग्लिसी (Anglesey) में एक खुले मैदान में बिखरे हुए सोने के सिक्कों का खजाना खोजा है। देश में पहली बार लौह युग की मुद्रा पाई गई है। खोजे गए 15 सिक्के बेहद अच्छी तरह से संरक्षित हैं जिन्हें 60 से 20 ईसा पूर्व के बीच ढाला गया था। ये सिक्के प्राचीन ग्रीक में आम मुद्रा थे। ये उच्च शैली वाले सिक्के फिलिप द्वितीय के मैसेडोनियाई सोने के सिक्कों से प्रेरित थे। सिक्कों के एक तरफ ग्रीक देवता अपोलो की तस्वीर और दूसरी तरफ दो घोड़ों का रथ और सवार की तस्वीर बनी हुई है।
लाइव साइंस की खबर के अनुसार, इनका इस्तेमाल संभवतः कोरिएल्टावी जनजाति (Corieltavi Tribe) करती थी, जो लौह युग (Iron Age) के दौरान इस क्षेत्र में रहते थे। मेटल डिटेक्टरिस्टों ने सिक्कों को जुलाई 2021 और मार्च 2022 के बीच धीरे-धीरे करके खोजा, जिसके बाद पोर्टेबल एंटीक्विटीज़ स्कीम को इसकी सूचना दी गई। ब्रिटिश म्यूजियम और म्यूजियम वेल्स इस संगठन का प्रबंधन करते हैं। इस हफ्ते अधिकारियों ने इस खोज को ‘खजाना’ घोषित किया।
मेटल डिटेक्टरिस्टों में से एक लॉयड रॉबर्ट्स ने बयान में कहा, ‘गोल्ड स्टेटर ढूंढना हमेशा मेरी विश लिस्ट में पहले नंबर पर था।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह जानकर खुशी हुई कि यह वेल्स में पाए गए लौह युग के सोने के सिक्कों का पहला भंडार था।’ हालांकि ग्विनेड आर्कियोलॉजिकल ट्रस्ट के विशेषज्ञ इसे लेकर असमंजस में थे कि सिक्के खेत में कैसे पहुंचे। वेल्स में इस समयावधि के सिक्के मिलना बेहद दुर्लभ है क्योंकि इस क्षेत्र में लौह युग की जनजातियां आम तौर पर बाहरी मुद्रा का इस्तेमाल नहीं करती थीं।
पिछले शोध से यह संकेत मिलता है कि यह द्वीप पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईस्वी तक एक ‘महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र’ था। बयान के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि सिक्कों का इस्तेमाल देवताओं को प्रसाद के रूप में किया जाता होगा। अधिकारियों ने बयान में लिखा, ‘यह भंडार वेल्स में मौजूद पुरातात्विक खजाने का एक शानदार उदाहरण है।’ सिक्कों का संग्रह एंग्लिसी के एक म्यूजियम और गैलरी ओरिएल मोन में प्रदर्शित किया जाएगा।