इस्लामाबाद:पाकिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। आर्मी चीफ आसिम मुनीर अपनी ही बिछाई बिसात में घिरने लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के एक पखवाड़े बाद पाक आर्मी के नौ कमांडरों में से चार मुनीर के खिलाफ बागी हो गए हैं। इन कमांडरों का मानना है कि भले ही इमरान की पार्टी PTI के समर्थक सड़कों पर नहीं उतर रहे हैं, लेकिन लोगों में आर्मी के खिलाफ अंडर करंट है।
इस बीच, आर्मी और सीक्रेट एक्ट बिल पर साइन नहीं करने का धमाकेदार बयान देने के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी हाउस अरेस्ट जैसी हालत में पहुंच गए हैं। विश्वस्त रक्षा सूत्र ने बताया, अल्वी के सरकारी कामकाज को ब्रिगेडियर रैंक का अफसर संभाल रहा है।अल्वी रविवार को बयान देने के बाद सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं। सोमवार को अल्वी ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने सचिव वकार अहमद को हटा दिया है। दूसरी ओर, बताया जाता है कि राष्ट्रपति भवन में आर्मी और बढ़ा दी गई है।
पाकिस्तान की आर्मी में नौ कमांडर है। इनमें से चार अब मुनीर के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए हैं। पांच अभी मुनीर के साथ हैं। सूत्रों का कहना है कि इन पांच कमांडरों में से एक ISI के चीफ नदीम अंजुम हैं। यदि नदीम भी मुनीर के खिलाफ हो जाते हैं तो पलड़ा पांच का हो जाएगा। इसके बाद मुनीर का गद्दी पर बैठे रहना मुश्किल हो जाएगा।
इमरान के धुर विरोधी मुनीर का मानना था कि दबाव बढ़ने पर इमरान भी अन्य नेताओं के जैसे ही आर्मी के सामने घुटने टेक देंगे या फिर इमरान खान पाकिस्तानी आर्मी के साथ कोई समझौता कर लेंगे। यह नहीं हुआ।इमरान की गिरफ्तारी के बाद PTI कार्यकर्ताओं का आर्मी के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया है। लोग चाहे सड़कों पर न उतरें पर आर्मी की छवि आम जनता में गिरी है। चार कमांडर इसलिए मुनीर के खिलाफ हो गए हैं।
मुनीर ने सत्तारूढ़ PMLN और PPP को भरोसा दिलाया था कि किसी तटस्थ को केयरटेकर PM बनाया जाएगा, लेकिन मुनीर ने आर्मी के कट्टर समर्थक अनवर काकर को प्रधानमंत्री बना दिया।अल्वी के खुलासे के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने बिल को लेकर आर्मी का समर्थन नहीं किया। काकर के आने के बाद नवाज और भुट्टो की पार्टी सेना द्वारा चुनाव टालने की मंशा का विरोध कर नवंबर में चुनाव चाहती हैं।
राष्ट्रपति अल्वी द्वारा ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट पर साइन नहीं करने का बयान देने के बाद ये संशोधन कानून नहीं रहेगा। इसका फायदा इमरान को मिलेगा। मुनीर इमरान पर तोशाखाना केस के बाद अमेरिकी केबल से जुड़ा सीक्रेट एक्ट थोपना चाहते थे। इमरान के जेल से बाहर आने और चुनाव लड़ने के बारे में अंतिम फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से सुनवाई शुरू होगी।