हिमस्खलन की घटना आपदा में शामिल, मारे गए थे 29 पर्वतारोही, दो लापता

उत्तरकाशी : द्रौपदी का डांडा में हुई हिमस्खलन की घटना को उत्तराखंड शासन ने दैवीय आपदा में शामिल कर लिया है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की ओर से द्रौपदी का डांडा में प्रशिक्षण के दौरान हिमस्खलन से 29 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी।

दो माह पहले हुई इस घटना में लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दो पर्वतारोही लापता हैं। इस हादसे में जान गंवाने वाले 27 मृतकों के स्वजन को जिला आपदा प्रबंधन की ओर से चार-चार लाख और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की धनराशि दी गई है।

बीते 4 अक्टूबर को द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में एडवांस कोर्स के दौरान दो प्रशिक्षक और 27 प्रशिक्षु हिमस्खलन की जद में आ गए थे। घटना की सूचना पर सेना, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, निम व हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग ने रेस्क्यू अभियान चलाया।

हिमस्खलन में दबे 27 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए थे। द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में मौसम अनुकूल न होने के कारण 10 नवंबर को रेस्क्यू अभियान स्थगित कर दिया गया था।लापता प्रशिक्षुओं में नेवी में नाविक के पद पर तैनात विनय पंवार निवासी प्रतीक नगर रायवाला देहरादून और त्वचारोग विशेषज्ञ ले. कर्नल दीपक वशिष्ठ निवासी आर-131 सेक्टर-4 नोएडा उत्तर प्रदेश हैं।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में हुई हिमस्खलन की घटना को शासन की ओर से आपदा में शामिल किया गया। इसी के तहत आपदा मद से चार-चार लाख रुपये की धनराशि और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की धनराशि राहत के रूप में मृतकों के स्वजन के खाते में भेजे गए हैं।

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