बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन, रैली-जुलूस पर प्रतिबंध !

देहरादून: पिछले दिनों से लगातार देहरादून शहर में धरना प्रदर्शन, जुलूस और रैलियां निकल रही हैं. इस कारण शहर में जाम की स्थिति देखने को मिल रही है. अब शीतकालीन यात्रा, पर्यटन सीजन, क्रिसमस, नव वर्ष और स्कूलों की छुट्टियों के दौरान काफी संख्या में पर्यटकों के देहरादून आने की सम्भावना है.

देहरादून में बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन, जुलूस और रैली प्रतिबंधित: इसके मद्देनजर प्रतिबंधित चौराहों और स्थानों पर धरना प्रदर्शन, जुलूस, रैली आदि करने वालों पर कार्रवाई होगी. बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन, जुलूस, रैली आदि का आयोजन करने वाले आयोजकों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा. बता दें कि शीतकालीन यात्रा, पर्यटन सीजन, क्रिसमस और नव वर्ष सहित स्कूलों की छुट्टियों में बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड आते हैं. ये पर्यटक देहरादून और आस-पास के पर्यटक स्थलों पर पहुंचते हैं.

देहरादून में लग रहा है बड़ा जाम: इन दिनों चल रहे शादियों के सीजन के दौरान शहर में आए दिन होने वाले धरना प्रदर्शनों, जुलूसों आदि के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इससे आम जनता को हो रही असुविधा के मद्देनजर घंटाघर, गांधी पार्क, परेड ग्राउंड और उसके आस-पास के क्षेत्र, कनक चौक, एस्ले हाल चौक, दर्शन लाल चौक, तहसील चौक और बुद्धा चौक आदि स्थानों पर धरना प्रदर्शन, जुलूस, शोभा यात्रा, रैली आदि का आयोजन करने, किसी प्रकार की नारेबाजी करने अथवा बिना अनुमति के लाउड स्पीकरों का प्रयोग करने पर सम्बन्धित आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा.

आदेश नहीं मानने पर हो सकती है 6 से 1 साल तक की जेल: भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223, “लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा” (Disobedience to order duly promulgated by public servant) से संबंधित है. इसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति जो किसी सरकारी अधिकारी द्वारा जारी किए गए वैध आदेश का पालन नहीं करता है, उसे दंडित किया जा सकता है. इसके तहत अगर आदेश न मानने से असुविधा या चोट लगती है तो 6 महीने तक की जेल और यदि इससे जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा हो तो 1 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.

देहरादून जिले के एसएसपी अजय सिंह ने बताया है कि-देहरादून के कई स्थानों पहले भी धरना प्रदर्शन, जुलूस, शोभा यात्रा, रैली आदि के लिए प्रतिबंधित किया गया था. अब सम्बन्धित आयोजकों के खिलाफ बीएनएस धारा 223 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. इस आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा.

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