नई दिल्ली: साल 2023 की पहली अमावस्या 21 जनवरी 2023 को है. ये माघ माह की मौनी अमावस्या कहलाएगी. मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान अमृत के समान माना गया है.
मौनी अमावस्या शनिवार को होने से शनि अमावस्या का भी संयोग बना है. शनि देव और पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस साल की मौनी अमावस्या बहुत महत्व पूर्ण मानी जा रही है.
इस दिन 4 शुभ योग का संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है. आइए जानते हैं स्नान-दान का समय और मंत्र और सही विधि
धर्म ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या पर सभी पवित्र नदियों और माँ गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है. इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं. तीर्थ स्नान न कर पाएं तो घर में ही गंगाजल मिलकर स्नान करें.
स्नान के वक्त ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः इस खास मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे व्यक्ति स्वर्ग में स्नान प्राप्त करता है. ये मंत्र हर कार्य में सफलता प्रदान करता है. शनिश्चरी अमावस्या के संयोग में गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता है.
मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान के बाद सूर्यदेव को गंगाजल में तिल मिलाकर अर्घ्य दें. जल चढ़ाकर तीन पर उसी स्थान पर परिक्रमा लगाएं. फिर मौन व्रत का संकल्प लें.
मौनी अमावस्या पर मौन रहकर भगवान विष्णु की काले तिल से पूजा करें. शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं. इस दिन मौन रहकर पितरों का तर्पण करना चाहिए. बाद में ब्राह्मण भोजन कराएं. मान्यता है इससे धन, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है.
मौनी अमावस्या पर दान करने से व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं. मृत्यु के बाद उसे बैकुंठ धाम प्राप्त होता है. इस दिन काला तिल, अन्न, वस्त्र, सरसों का तेल, लोहा, जरुरतमंद को दान करें.