नई दिल्ली। एक तरफ बिहार में बाढ़ और बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं दिल्ली में बारिश का दौर रुकते ही उमस बढ़ गई है और गर्मी भी फिर से तेवर दिखाने लगी है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी है। बाढ़ और बारिश से सबसे ज्यादा स्थिति उत्तर बिहार की खराब है। नदियों में उफान से निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है।
बारिश के दौरान घर गिरने और पानी भरे गढ्डे में डूबने से 11 लोगों की मौत हो गई। तीन लोग जख्मी हो गए। सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ने से और कई पुलिया ध्वस्त होने से आवागमन ठप हो गया। सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर और रक्सौल-बैरगनिया रेलखंड पर ट्रैक धंसने से ट्रेनों का परिचालन बाधित है। उधर नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के चलते भारत के तराई इलाकों की तरफ आने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बिहार और नेपाल में हो रही लगातार बारिश से बिहार से होकर बहने वाली नदियों में भी जलस्तर बढ़ गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश और बाढ़ से अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है।
दिल्ली में बारिश का दौर रुकते ही उमस बढ़ गई है और गर्मी भी फिर से तेवर दिखाने लगी है। बारिश रुकने की वजह से अधिकतम तापमान 39 से 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चल रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो से तीन दिन भी बिना बारिश के ही निकलने की संभावना है, जिससे गर्मी भी बढ़ेगी। हालांकि 16 से 19 जुलाई तक बारिश की संभावना है। इस बार भी बारिश के हल्के रहने की संभावना है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश और बाढ़ से अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा छह मौतें असम में हुई हैं। असम में बाढ़ से 21 जिले और 8.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। राज्य के 33 में से 21 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को लगाया गया है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर विभिन्न शिविरों में रखा गया जा रहा है। बाढ़ से काजीरंगा नेशनल पार्क में भी पानी भर गया है। ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट और तेजपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ का पानी सड़कों के ऊपर से बह रहा है, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। लंबडिंग-बदरपुर रेल मार्ग पर पानी भर जाने से रेल यातायात को रोक दिया गया है। बारिश के चलते हुए घटनाओं से मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में भी दो-दो लोगों की मौत हो गई है।
हिमाचल प्रदेश में हो रही बरसात की वजह से छह सड़कें यातायात के लिए बंद पड़ी हैं। इनमें शिमला जोन में पांच सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत एक सड़क ठप है। शिमला के सोलन सर्कल में एक, नाहन में तीन और कांगड़ा के डलहौजी में एक सड़क बंद पड़ी है। वहीं रिकांगपिओ में पोवारी से काजा जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच काशंग नाले के पास ल्हासा गिरने से दो दिन से बंद है।
शुक्रवार को शिमला, सोलन, मंडी और कांगड़ा में बारिश हुई। इससे इन जिलों में तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अन्य क्षेत्रों में उमस बढ़ी हुई है। यहां 18 जुलाई तक बारिश का क्रम जारी रहने और तापमान में गिरावट आने की संभावना है। चंबा, कांगड़ा, सोलन, शिमला और सिरमौर में 14 को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। 5 को ऊना, कांगड़ा, शिमला और सोलन में भारी वर्षा के लिए अलर्ट है।
पानी भरे गड्ढे में डूबने से सात लोगों की मौत
मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार में लगातार पांचवें दिन शुक्रवार को भी भारी बारिश हुई। इससे जनजीवन बेहाल हो गया। नदियों में उफान से निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है। बारिश के दौरान घर गिरने और पानी भरे गड्ढे में डूबने से सात लोगों की मौत हो गई। तीन लोग जख्मी हो गए। सड़कों पर बाढ़ का पानी चढऩे से और कई पुलिया ध्वस्त होने से आवागमन ठप हो गया। सीतामढ़ी -मुजफ्फरपुर और रक्सौल -बैरगनिया रेलखंड पर ट्रैक धंसने से ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है।
पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर तेजी से बढऩे के कारण हाईअलर्ट पर रखा गया है। गंडक के पार के चार प्रखंडों के आधा दर्जन गांवों का बगहा अनुमंडल से संपर्क भंग हो गया। मुख्य सड़क पर नदियों का पानी फैल चुका है। इससे आवागमन बंद है। विद्यालयों में अघोषित छुट्टी कर दी गई है। मधुबनी प्रखंड से सटे यूपी-बिहार सीमा पर बांसी पुल का एप्रोच धंस गया है।
पंडई नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। पूर्वी चंपारण में बागमती, लालबकेया, गंडक व सिकरहना समेत अन्य छोटी नदियां उफान पर हैं। यहां बारिश के दौरान घर गिरने और पानी भरे गड्ढ़े में डूबने से चार लोगों की मौत हो गई। तुरकौलिया प्रखंड कार्यालय के आवासीय भवन के एक हिस्से का प्लास्टर गिरने से दो होमगार्ड जवान घायल हो गए।
मधुबनी जिले में कमला नदी जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है। दोनों तटबंधों के बीच बसे कई गांवों में पानी घुस गया है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। समस्तीपुर के मोहनपुर में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। सीतामढ़ी जिले में बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ का संकट गहराने लगा है।
रेन कट के कारण सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड के परमजीवर-ताराजीवर और जुब्बा सहनी के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। रक्सौल-बैरगनिया के बीच चैनपुर स्टेशन के पास पटरी पर रेनकट के चलते कई ट्रेनों का परिचालन रद कर दिया गया है। हालांकि, यहां रेलवे की टीम ने मरम्मत कर ली है।
परिचालन शुरू करने की कोशिश जारी है। परसौनी प्रखंड के बेनीपुर में छत और दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। शिवहर का पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी से सड़क संपर्क बाधित रहा। दरभंगा जिले में कमला बलान नदी का जलस्तर बढऩे लगा है। जिले के कई गांवों और खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है। मुजफ्फरपुर बागमती में उफान से कटरा और प्रखंड के कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।