बिहार:बिहार चुनाव में गजब हो गया. वोटिंग में बिहार ने नया इतिहास रच दिया. अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए. पहले चरण की वोटिंग में 75 साल का रिकॉर्ड टूट गया. बिहार के वोटरों ने खूब वोटिंग की. नतीजा यह हुआ कि पहले चरण में बिहार चुनाव में मतदान प्रतिशत के सभी रिकॉर्ड टूट गए.
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में पहले चरण में अब तक का सबसे अधिक 64.66% वोटर टर्नआउट रहा. बिहार के इतिहास में किसी भी चुनाव में इतनी वोटिंग नहीं हुई थी. बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 121 निर्वाचन क्षेत्रों में 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 64.66 फीसदी वोटरों ने अब तक का सबसे अधिक मतदान किया. इस वोटिंग प्रतिशत से दोनों खेमा खुश है. एक एंटी इनकंबेंसी के खिलाफ वोटिंग बता रहा तो दूसरा खेमा प्रो इनकंबेंसी.
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग में 64.66 फीसदी वोटिंग हुई. यह 1951 के बाद अब तक सबसे अधिक है. यह 75 सालों में पहली बार है. इससे पहले 1998 में 64 फीसदी मतदान हुआ था. मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में वोटिंग टर्नआउट 70 फीसदी से अधिक रहा.
अब सवाल है कि आखिर बिहार में वोटर टर्नआउट का रिकॉर्ड टूटा कैसे? आखिर 75 साल बाद इतनी वोटिंग क्यों हुई? तो इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. पहले तो एसआईआर है. इसके कारण भी लोगों ने नाम कटने के डर से वोटिंग की. अन्य वजहों में छठ पूजा के बाद वोट का होना और महिलाओं की बड़ी भागीदारी. साथ ही चुनावी प्रक्रिया को पहले की तुलना में और आसान बनाया गया. इसके कारण भी लोग बूथों तक पहुंच पाए.
लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, बिहार के 18 जिलों में मतदान हुआ. इसमें मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में सबसे अधिक मतदान हुआ. मुजफ्फरपुर में 70.96 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि समस्तीपुर में 70.63 प्रतिशत मतदान हुआ. मधेपुरा में 67.21 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद वैशाली में 67.37 प्रतिशत, सहरसा में 66.84 प्रतिशत, खगड़िया में 66.36 प्रतिशत, लखीसराय में 65.05 प्रतिशत, मुंगेर में 60.40 प्रतिशत, सीवान में 60.31 प्रतिशत, नालंदा में 58.91 प्रतिशत और पटना में 57 प्रतिशत मतदान हुआ.
चुनाव आयोग के अनुसार, 1951-52 के विधानसभा चुनावों में राज्य में सबसे कम 42.6 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इससे पहले 2000 के चुनाव में सबसे अधिक 62.57 प्रतिशत मतदान हुआ था.कोविड-19 महामारी की छाया में हुए 2020 के चुनावों में 57.29 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2015 में यह 56.91 प्रतिशत और 2010 में 52.73 प्रतिशत था.

