उदय दिनमान डेस्कः बुरांस का पौधा समुद्रतल से 1500 से 3000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके पेड़ की ऊंचाई आठ से दस मीटर तक होती है। बुरांस में विटामिन सी होता है। इससे सर्दी, जुकाम के अलावा त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता है।
बुरांश सफेद, बैंगनी रंग का भी होता है, लेकिन सबसे ज्यादा लाल बुरांश ही दिखता है। कुछ वर्ष पूर्व तक इस फूल को केवल खूबसूरती के लिए ही पहचाना जाता था। इसके चित्र घरों में लगने वाले कैलेंडर की शोभा बढ़ाते दिखते थे, लेकिन कुछ समय पूर्व प्रयोगधर्मी लोगों ने इसके फूल का जूस तैयार करने में सफलता पाई।
इसके चिकित्सकीय गुणों का पता लगने के बाद आजीविका सुधार परियोजना के तहत इसका उत्पादन बढ़ाने की कोशिशें शुरू हुई। तमाम स्वयंसेवी संस्थाएं वर्तमान में बुरांश का जूस तैयार कर रही हैं।
जरिए होता है वह महिलाओं ने घर में ही कर बुरांस के फूलों का शरबत तैयार कर दिया। अब इस शरबत को बंजार मेले के दौरान स्टाल लगाकर बेचा जाएगा। यही नहीं मेले के बाद भी इसकी मार्केटिंग की जाएगी। प्रधान ने कहा कि 1000 लीटर की बोतल 350 रुपये में आएगी। इस बोतल पर ही बुरांस के फूलों के गुण और शरबत को किस तरह से इस्तेमाल करना है। इस बारे बताया गया है। होटल व्यवसाय करने वाले को, रेस्तरां वाले, ढाबा इत्यादि चलाने वालों को खुले में अपने बर्तन में 10 लीटर से अधिक जूस चाहिए तो उसे 200 रूपये प्रति लीटर की दर से दिया जाएगा।