38वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखंड के उत्कृष्ट द्विवेदी ने लॉन बॉल में जीता स्वर्ण

देहरादून:38वें राष्ट्रीय खेल के लॉन बॉल इवेंट में उत्तराखंड के खिलाड़ी उत्कृष्ट द्विवेदी ने अंडर-25 पुरुष वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।  उन्होंने तीन बार के राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता असम के बिट्टू दास को हराकर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की। उत्कृष्ट की यह जीत उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि राज्य ने पहली बार राष्ट्रीय खेल में लॉन बॉल स्पर्धा में भाग लिया था और पहली ही बार में पदक जीतकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।…

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लॉन बॉल स्पर्धा के पांचवें दिन झारखंड का दबदबा, दिल्ली और उत्तराखंड ने भी दर्ज की जीत

देहरादूनः  38वें राष्ट्रीय खेल में लॉन बॉल स्पर्धा के पांचवें दिन कई रोमांचक फाइनल मुकाबले खेले गए। झारखंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए, जबकि दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड ने भी खिताबी जीत दर्ज की। झारखंड का दमदार प्रदर्शन मेंस पेयर्स के फाइनल में झारखंड ने असम को एकतरफा मुकाबले में 25-04 के बड़े अंतर से हराया। वहीं, वूमेन फोर्स के फाइनल में भी झारखंड ने पश्चिम बंगाल को 18-08 से मात दी। इसके अलावा, अंडर-25 गर्ल्स के फाइनल में झारखंड ने असम को 21-20 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। अंडर 25 विमेंस में झारखंड के लिए मैच जीतने के बाद बसंती कुमारी ने कहा, “मैच काफी मुश्किल था, लेकिन हमने अच्छा खेल दिखाया और गोल्ड मेडल जीता। उत्तराखंड आकर बहुत अच्छा लगा, हम फिर से यहां आना चाहेंगे।” दिल्ली और पश्चिम बंगाल की जीत मेंस ट्रिपल्स के खिताबी मुकाबले में दिल्ली ने झारखंड को 25-08 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं, वूमेन सिंगल्स के फाइनल में पश्चिम बंगाल की खिलाड़ी ने झारखंड को 21-08 से हराकर खिताब अपने नाम किया। उत्तराखंड ने अंडर-25 बॉयज फाइनल में मारी बाजी अंडर-25 बॉयज कैटेगरी का फाइनल मुकाबला असम और उत्तराखंड के बीच बेहद रोमांचक रहा। उत्तराखंड ने 21-20 के नजदीकी अंतर से जीत हासिल कर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। अंडर 25 मेंस में जीत के बाद उत्तराखंड के उत्कृष्ट द्विवेदी ने कहा, “उत्तराखंड पहली बार नेशनल गेम्स में लॉन बॉल खेल रहा है। यह स्वर्ण पदक जीतकर बहुत खुशी महसूस हो रही है। मेरी जीत का पूरा श्रेय मेरे कोच, सेक्रेटरी जनरल और फेडरेशन के अध्यक्ष जी को जाता है।” अगले दौर के मुकाबले 6 फरवरी से  लॉन बॉल के मुकाबले 6 फरवरी से फिर शुरू होंगे, जिसमें मेंस फोर्स, मेंस सिंगल्स, वूमेन पेयर्स और वूमेन ट्रिपल्स के इवेंट खेले जाएंगे। दर्शकों को आने वाले दिनों में और रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे।

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खेल और संगीत का संगम: राष्ट्रीय खेल के फैन पार्क में खिलाड़ियों ने दिखाया जलवा

देहरादून :  38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत आयोजित फैन पार्क में खेल और संगीत का अनोखा संगम देखने को मिला। खिलाड़ियों ने जहां अपने कौशल से मैदान में दमखम दिखाया, वहीं म्यूजिक पर थिरकते हुए अपने जोश और उत्साह का भी प्रदर्शन किया। उत्तराखंड के मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य के बीच आयोजित इस आयोजन में खिलाड़ियों ने अपने पसंदीदा गीतों पर नृत्य किया और साथी खिलाड़ियों के साथ…

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मुख्यमंत्री ने 38वें राष्ट्रीय खेल के दौरान खिलाड़ियों से की मुलाकात

देहरादूनः उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का औचक…

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सिल्वर से शुरुआत, सोने की ओर बढ़ते कदम

नीरज जोशी ने राष्ट्रीय खेल में बढ़ाया उत्तराखंड का मान देहरादूनः उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल में प्रदेश के खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। खासकर वूशु प्रतियोगिता में उत्तराखंड के लाल नीरज जोशी ने सिल्वर मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। नीरज जोशी का यह सफर संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन अपनी मेहनत और उत्तराखंड सरकार की खेल नीतियों से प्रेरित होकर उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया। संघर्ष भरा रहा नीरज जोशी का सफर हल्द्वानी निवासी नीरज जोशी के पिता राजेश बल्लभ जोशी एक किसान हैं और खेती के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद नीरज ने वूशु में अपना करियर बनाने का सपना देखा और पिछले आठ वर्षों से देहरादून में रहकर प्रशिक्षण ले रहे हैं। हालांकि, आर्थिक तंगी और चोटों के कारण उनका खेल करियर कई बार संकट में आ गया। साल 2022 में पैर की हड्डी टूटने के बाद नीरज हताश हो गए थे। खेल से दूर जाने का विचार उनके मन में आने लगा था, लेकिन परिवार और कोच के समर्थन के चलते उन्होंने फिर से वापसी की। वर्ष 2023 में उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर अपने खेल में सुधार किया। हालांकि, गोवा में हुए राष्ट्रीय खेल 2023 में खेल सुविधाओं के अभाव के कारण वह केवल पांचवें स्थान पर रहे, जिससे वह निराश हो गए थे। सरकार की घोषणाओं ने दिए नीरज के सपनों को पंख नीरज जोशी का कहना है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा खिलाड़ियों के लिए घोषित योजनाओं और प्रोत्साहनों ने उन्हें एक नई ऊर्जा दी। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को नगद पुरस्कार और सरकारी नौकरी देने की घोषणा ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया है। सरकार की इन नीतियों से प्रेरित होकर नीरज ने 38वें राष्ट्रीय खेल की वूशु स्पर्धा में हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया। उनका मानना है कि उत्तराखंड सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं ने प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय खेलों में किया शानदार प्रदर्शन  38वें राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में उत्तराखंड के कई खिलाड़ियों ने पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया। इनमें नीरज जोशी का नाम प्रमुख है, जिन्होंने वूशु स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी मेहनत और प्रतिभा का परिचय दिया। नीरज ने कहा, “उत्तराखंड सरकार की प्रोत्साहन राशि और सरकारी नौकरी की नीति से प्रदेश के खिलाड़ियों को एक नई दिशा मिली है। इससे आने वाली पीढ़ी भी खेलों की ओर आकर्षित होगी और उत्तराखंड का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।” नीरज जोशी की इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे उत्तराखंड में खुशी की लहर है। यह जीत प्रदेश के अन्य युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगी और राज्य के खेल क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगी।

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हरित पहलः 2.77 हेक्टेयर जमीन पर खिलेगा खेल वन

राष्ट्रीय खेलों में दस फरवरी को ग्रीन गेम्स का प्रभावी संदेश देने की तैयारी पदक विजेताओं के नाम पर रूद्राक्ष के 1600 पेड़ लगेंगे मुख्यमंत्री…

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विवेक पांडे ने पुरुषों की 109+ भारवर्ग वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीत

देहरादूनः उत्तराखंड के विवेक पांडे ने पुरुषों की 109+ किलोग्राम भारवर्ग वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले साल उत्तराखंड ने इस श्रेणी में भाग नहीं लिया था। चंपावत जिले के टनकपुर निवासी विवेक ने महज दो साल पहले वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की थी। अपनी इस सफलता पर उन्होंने अपने माता-पिता और कोच को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “मैंने दो साल पहले वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। मेरे कोचेस ने मेरी बहुत मदद की। मैं अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देता हूं।” विवेक की इस सफलता ने राज्य के वेटलिफ्टिंग क्षेत्र को नई पहचान दी है और उनके इस पदक से प्रेरित होकर उत्तराखंड के कई युवा इस खेल की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

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राज्य की बेटी ज्योति वर्मा ने राष्ट्रीय खेल में जीता पदक

देहरादूनः  उत्तराखंड की बेटी ज्योति वर्मा ने 38वें राष्ट्रीय खेल में मार्शल आर्ट वूशु की चांगक्वान प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन…

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निःशुल्क ई-ऑटो सेवा से दर्शकों को मिल रही सहूलियत

38वें राष्ट्रीय खेल में सरकार की अभिनव पहल  देहरादून:38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन के दौरान देहरादून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खेलों के प्रति जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में दर्शक इन खेलों का लुत्फ उठाने के लिए पहुंच रहे हैं। दर्शकों की सुविधा और भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए खेल परिसर में निःशुल्क ई-ऑटो सेवा शुरू की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य दर्शकों को बेहतर और सुगम परिवहन सुविधा प्रदान करना है, जिससे…

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खेल पोषण और एथलीट जीवन की वास्तविक चुनौतियों पर चर्चा

देहरादून : पहले सत्र का विषय था “उन्नत खेल पोषण – उच्चतम प्रदर्शन के लिए,” जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में पोषण विशेषज्ञ डॉ. कोम्मी कल्पना…

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