चंडीगढ़: हरियाणा और दिल्ली के सरकार के बीच हथिनी कुंड को लेकर घमासान छिड़ा था। दिल्ली में आई बाढ़ का जिम्मा हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी पर लगाया गया था। अभी दिल्ली बाढ़ के हालातों से उबर नहीं पाई है, इसी बाच दिल्ली पर फिर से बाढ़ का खतरा मंडराया रहा है। हथिनी कुंड बैराज में पानी ज्यादा होने पर एक बार फिर से फ्लड गेट खुल दिए गए हैं।
यहां से 2 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। यह पानी अब अगले 36 घंटे के अंदर दिल्ली पहुंच सकता है और एक बार फिर यमुना नदी के किनारे बसे दिल्ली के इलाकों में बाढ़ आ सकती है। इस बार दिल्ली में बाढ़ के हालात पिछली बार से ज्यादा बुरे होने के आसार हैं क्योंकि हथिनी कुंड से पिछली बार की अपेक्षा दोगुना पानी छोड़ा गया है।
दिल्ली अभी यमुना में पहले आई बाढ़ से ठीक से संभली भी नही की फिर से करीब 36 घंटों बाद मुसीबतों का सैलाब निचले इलाकों की परेशानी बढ़ा सकता है। यमुनानगर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया और लोगों को यमुना से दूर रहने की चेतावनी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को को जोड़ने वाले जगाधरी पोंटा साहिब मार्ग पर मलबा और बाढ़ का पानी आ गया है। कलेसर मठ के समीप यातायात प्रभावित हुआ है। हथिनी कुंड पर वाटर लेवर बढ़ता जा रहा है। अगर यहां से पानी रिलीज नहीं किया जाता तो यमुनानगर में बाढ़ आ जाती।
दिल्ली में ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, शुक्रवार रात 10:00 बजे यह 205.48 मीटर दर्ज किया गया। कई दिनों की गिरावट के बाद शुक्रवार शाम को दिल्ली में यमुना का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया।
हथिनी कुंड बैराज से प्रति घंटा पानी 11 जुलाई को लगभग 3,60,000 क्यूसेक तक था। अब पानी 29,973 क्यूसेक पर बह रहा है। 13 जुलाई के बाद, यमुना 208.66 मीटर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद धीरे-धीरे कम हो रही थी, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों में जल स्तर में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ है।