भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग को केंद्र सरकार ने दी स्वीकृति

देहरादून। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के सितारगंज-टनकपुर राजमार्ग से नेपाल के लिए अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग को स्वीकृति दे दी है। नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्कृष्ट सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से भारत के रिश्ते हमेशा साफ-सुथरे रहे हैं और भारत ने मित्रता के सभी मानकों को माना है। नेपाल से तो भारत का रोटी-बेटी का रिश्ता है।

सांसद भट्ट के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग सितारगंज-टनकपुर के जगबूढ़ा सेतु से प्रारंभ होकर नेपाल सीमा पर पिलर संख्या 802/11 तक फोर लेन बन रहा है। यह परियोजना नेपाल सीमा पर महाकाली नदी सेतु मार्ग से जुड़ेगी। परियोजना को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पिछले वर्ष 21 सितंबर को अनुमोदित कर दिया था। परियोजना के तहत सितारगंज -टनकपुर राजमार्ग पर रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज और शारदा नदी पर पुल का निर्माण कार्य भी शुरू हो रहा है।

सांसद भट्ट ने बताया कि लैंड पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया से सीमा पर इस अंतरराष्ट्रीय कारीडोर को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। इसके निर्माण से दोनों देशों के वाणिज्यिक वाहनों का आवागमन प्रारंभ हो जाएगा। इसी पोर्ट पर भारत की तरफ भारत के कस्टम विभाग के कार्यालय और नेपाल की तरफ उसके कस्टम कार्यालय खुलेंगे। उन्होंने बताया कि इस मार्ग के निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार अपनी अनापत्ति दे चुकी है, लेकिन वन विभाग से स्वीकृति मिलना बाकी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इसके लिए वन भूमि हस्तांतरण को आनलाइन आवेदन कर रहा है।

भट्ट ने कहा कि यह परियोजना सामरिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जो भारत व नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ती है। इसका दोनों देशों को सामरिक व आर्थिक लाभ भी होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस परियोजना की निगरानी की जा रही है। उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया है।

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