चमोली: भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर तपोवन में अलर्ट

धौलीगंगा नदी में जलस्‍तर नाप रहे हैं एनडीआरएफ के जवान
देहरादून। एनडीआरएफ के जवानों ने चमोली में धौलीगंगा नदी में एक गेज लगाने के लिए पहाड़ के नीचे अपना रास्ता बनाया। इस संबंध में एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट आदित्य पी सिंह ने बताया कि धौलीगंगा नदी का जलस्‍तर बढ़ने की आशंका है। हम इसकी गहराई और जलस्तर मापने के लिए एक गेज लगा रहे हैं।

मौसम विभाग की 24 और 25 फरवरी को पर्वतीय जिलों में बारिश की चेतावनी के मद्देनजर चमोली जिले के तपोवन इलाके के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस अवधि में रेस्क्यू कार्य जारी रखने अथवा न रखने के संबंध में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया शनिवार को बैठक करेंगी। बारिश की आशंका को देखते हुए एनटीपीसी ने भी नई रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि अगर 24 और 25 फरवरी को ऋषिगंगा क्षेत्र में तेज बारिश होती है तो ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदी में जल स्तर बढ़ सकता है।

चमोली आपदा का असर तपोवन के निकट भंग्यूल गांव पर भी पड़ा है। गांव की आवाजाही के लिए ट्रॉली लगने के बाद एनटीपीसी ने भंग्यूल में चिकित्सा शिविर लगाने के साथ राशन भी वितरित किया। एनटीपीसी की मेडिकल टीम ने भंग्यूल गांव में जाकर ग्राम प्रधान के निर्देशन में प्रभावितों को राशन बांटी।

एनटीपीसी ने ग्रामीणों को आटा, चावल, तेल, चीनी और मसाले आदि सामग्रियां उपलब्ध कराई गई। एनटीपीसी ने आपदा प्रभावित ग्रामीणों को हरसंभव मदद का भी भरोसा दिलाया। एनटीपीसी ने गांव में मेडिकल कैंप लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया।

गांव में चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ की टीम तैनात की गई है, जो लगातार बीमारों को दवाएं बांट रही है। एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक मानव संसाधन एमएसडी भट्ट मिश्र ने बताया कि लापता श्रमिकों के बारे में उनके परिवार के सदस्यों को जानकारी दी जा रही है। साथ ही परियोजना स्थल पर सार्वजनिक सूचना केंद्र भी लगाया गया है।

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