देहरादून: सरकार ने चारधाम यात्रा में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शनार्थियों का कोटा खत्म कर दिया है। अब धामों में श्रद्धालु बिना रोक दर्शन कर सकेंगे लेकिन दर्शन के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने श्रद्धालुओं की सीमित संख्या का निर्णय वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की ऑनलाइन और आफलाइन प्रक्रिया पूर्व की भांति जारी रखी जाए। धामों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था की जाए।
अभी तक पर्यटन विभाग की प्रतिदिन दर्शन के लिए सीमित संख्या के आधार पर तीर्थयात्रियों का पंजीकरण किया जा रहा था। पंजीकरण स्लॉट फुल होने पर श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं, चारधामों के तीर्थ पुरोहित, पर्यटन व्यवसायी भी सीमित संख्या विरोध कर रहे थे।
चारधाम यात्रा के लिए अब तक 16.50 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं। इसमें केदारनाथ धाम के लिए 5.87 लाख, बदरीनाथ धाम के लिए 4.98 लाख, गंगोत्री के लिए 2.91 लाख, यमुनोत्री के लिए 2.54 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।
चारधाम यात्रा में देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भव्य और दिव्य चारधाम की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए रोड, रेल, रोपवे का निर्माण हो रहा है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात कर सीमित संख्या की बाध्यता को खत्म करने की मांग की गई थी। सरकार ने हमारी मांग को सुना और सीमित संख्या को समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
डॉ. बृजेश सती, महासचिव चारधाम तीर्थपुरोहित महापंचायत